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भारत का खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ कड़ा एक्शन, कनाडा के सांसद समेत कई लोगों के ट्विटर अकाउंट बैन

भारत में कई खालिस्तान समर्थकों के ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है। इनमें कनाडा में सांसद व न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह का ट्विटर अकाउंट भी शामिल हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब विभिन्न देशों में इन खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमले बढ़ गए हैं।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalPublished: Tue, 21 Mar 2023 02:41 AM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2023 05:02 AM (IST)
भारत का खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ कड़ा एक्शन, कनाडा के सांसद समेत कई लोगों के ट्विटर अकाउंट बैन
कनाडा के सांसद समेत कई लोगों के ट्विटर अकाउंट बैन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत में कई खालिस्तान समर्थकों के ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है। इनमें कनाडा में सांसद व न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह का ट्विटर अकाउंट भी शामिल हैं। साथ ही कनाडाई कवयित्री रूपी कौर, स्वयंसेवी संगठन यूनाइटेड सिख और कनाडा निवासी कार्यकर्ता गुरदीप सिंह सहोटा का ट्विटर अकाउंट भी ब्लॉक कर दिया गया है।

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जगमीत सिंह के अकाउंट को भी किया गया ब्लॉक

भारत से अगर कोई इन ट्विटर अकाउंट्स को एक्सेस करने की कोशिश करता है तो यह प्रदर्शित होता है कि उन्हें कानून सम्मत मांग के तहत ब्लॉक कर दिया गया है। जगमीत सिंह के अकाउंट को ब्लॉक किया जाना उल्लेखनीय है क्योंकि वह अपनी भारत विरोधी टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब विभिन्न देशों में इन खालिस्तान समर्थकों द्वारा हमले बढ़ गए हैं।

खालिस्तान समर्थकों ने की थी भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़

मालूम हो कि खालिस्तान समर्थकों ने रविवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद खालिस्तान समर्थकों ने कथित रूप से सैन फ्रान्सिसको में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला बोला था। बता दें कि खालिस्तान समर्थकों द्वारा लंदन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ करने और इमारत से भारतीय ध्वज को हटाने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

भारत ने दर्ज कराया था विरोध

इससे पहले भारत ने सोमवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास पर हमले पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था। अमेरिकी प्रभारी को तलब करते हुए संपत्ति की तोड़फोड़ पर कड़ा विरोध व्यक्त किया था। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा अमेरिकी सरकार को राजनयिक प्रतिनिधित्व की रक्षा और सुरक्षा करने के अपने मूल दायित्व की याद दिलाई गई थी। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उचित उपाय करने के लिए कहा गया।


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