उप्र, हरियाणा में राज्यसभा चुनाव में निर्दलियों ने फंसाया पेंच
उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 11 जून को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : देश के 15 राज्यों में राज्यसभा की सीटों पर 11 जून को होने जा रहे चुनाव में दो राज्यों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। ये दो राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा हैं। नामांकन पत्रों की जांच के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का निर्विरोध चुना जाना तय है।
इनके अलावा एआइएडीएमके और डीएमके के भी सभी प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित होंगे। बुधवार को सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध पाए गए, जबकि तमिलनाडु में सात और कर्नाटक में एक निर्दलीय का पर्चा रद हो गया। उत्तर प्रदेश में निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति महापात्र सहित दो प्रत्याशी यदि 3 जून तक अपना नाम वापस नहीं लेते हैं तो मतदान नहीं टाला जा सकता। सूबे में 11 सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव में 12 प्रत्याशी मैदान में हैं।
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महापात्र को भाजपा के कई विधायकों, छोटी पार्टी के सदस्यों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। प्रीति के अलावा सपा के सात, बसपा के दो प्रत्याशी, कांग्रेस से कपिल सिब्बल और भाजपा के शिव प्रताप शुक्ला मैदान में हैं। 403 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा के 229, बसपा के 80, भाजपा के 41, कांग्रेस के 29 विधायक हैं। इनके अलावा कुछ छोटी पार्टियां और निर्दलीय विधायक हैं। जीतने के लिए हर प्रत्याशी को 37 मतों की दरकार होगी।
हरियाणा में मीडिया हस्ती सुभाष चंद्रा और आरके आनंद के मैदान में उतरने से कांटे की टक्कर होने के आसार पैदा हो गए हैं। चंद्रा को राज्य में सत्ताधारी भाजपा का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। दूसरी सीट के लिए इंडियन नेशनल लोकदल समर्थित आनंद के लिए कुछ विधायक दलगत घेरेबंदी से ऊपर उठकर मतदान कर सकते हैं।