नेशनल पेंशन सिस्टम का बढ़ा दायरा, इस ग्रुप को भी किया गया शामिल
नई घोषणा के मुताबिक भारत में काम कर रहे भारतीय मूल के विदेशी नागरिक (ओसीआइ) इसके लिए आवेदन कर सकेंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) का दायरा बढ़ाने की घोषणा की है। नई घोषणा के मुताबिक भारत में काम कर रहे भारतीय मूल के विदेशी नागरिक (ओसीआइ) इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। एनआरआइ यानी अनिवासी भारतीय पहले से ही इस स्कीम का हिस्सा थे। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने बुधवार को ओएसआइ को एनपीएस में निवेश की इजाजत दे दी है।
लाभार्थियों की संख्या 3.18 करोड़
पीएफआरडीए दो तरह की पेंशन योजनाएं चलाता है। इसमें से पहली एनपीएस है और दूसरी अटल पेंशन योजना है। इनमें एनपीएस योजना सरकारी और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, जबकि अटल पेंशन योजना मुख्य रूप से गैर-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है। इस समय इन दोनों योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या 3.18 करोड़ से अधिक है।
एनपीएस में निवेश पर 50 हजार तक की अतिरिक्त टैक्स छूट का प्रावधान है, जिसकी सीमा बढ़कर एक लाख 50 हजार तक हो सकती है। इस वर्ष के बजट में एनपीएस से निकलने या निवेश के परिपक्व होने पर एकमुश्त राशि पर छूट की सीमा 40 परसेंट से बढ़ाकर 60 परसेंट कर दी गई थी। शेष 40 परसेंट हिस्से पर पहले से टैक्स छूट मिली होती है।
क्या है नेशनल पेंशन सिस्टम?
यह सरकार की ओर से पेश रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। इसे जनवरी 2004 में लांच किया गया था। इस योजना के लांच होने के बाद सरकारी नौकरियों में शामिल हुए सभी कर्मचारी अनिवार्य रूप से इस योजना का हिस्सा हैं। मई 2009 के बाद से कोई भी भारतीय नागरिक स्वैच्छिक रूप से इसमें निवेश कर सकता है। इसके बाद दिसंबर 2011 से कॉरपोरेट जगत को और अक्टूबर 2015 से एनआरआइ को भी इससे जोड़ लिया गया।