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छत्तीसगढ़ में बसपा-कांग्रेस के संभावित गठजोड़ को लेकर भाजपा की बढ़ी चिंता

प्रदेश की 14 विधानसभा सीटों पर बसपा का प्रभावी वोट बैंक है। पिछले तीन चुनाव में बसपा की चार से छह फीसद वोट बैंक की भागीदारी रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 08:37 PM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 08:37 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में बसपा-कांग्रेस के संभावित गठजोड़ को लेकर भाजपा की बढ़ी चिंता
छत्तीसगढ़ में बसपा-कांग्रेस के संभावित गठजोड़ को लेकर भाजपा की बढ़ी चिंता

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। कांग्रेस और बसपा के बीच गठजोड़ की खबरों के बीच छत्तीसगढ़ में भाजपा की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश की 14 विधानसभा सीटों पर बसपा का प्रभावी वोट बैंक है। पिछले तीन चुनाव में बसपा की चार से छह फीसद वोट बैंक की भागीदारी रही है। इन वोटों के दम पर बसपा के दो बार दो विधायक और एक बार एक विधायक विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे।

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अब कांग्रेस-बसपा गठजोड़ की स्थिति में भाजपा ने जो आंतरिक सर्वे कराया है, उसमें भाजपा विधायकों की नौ सीटें खतरे में पड़ती नजर आ रही हैं। जबकि पांच सीटों पर मुकाबला और मुश्किल होने की बात सामने आई है। यही कारण है कि भाजपा इन सीटों पर विशेष रणनीति के तहत पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है।

दिग्गज नेताओं की है सीट

बसपा के प्रभाव वाली कसडोल विधानसभा से विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल विधायक हैं। वहीं, चंद्रपुर से भाजपा के कद्दावर नेता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के बेटे युद्घवीर सिंह जूदेव विधायक हैं। कसडोल विधानसभा से कांग्रेस 2003 व 2008 में जीती थी और बसपा लगातार तीसरे नंबर पर थी। हालांकि, यहां बसपा को 20 से 33 हजार वोट मिलते रहे हैं।

पिछला चुनाव कांग्रेस यहां से 22 हजार वोट से हारी, जबकि बसपा को 33 हजार से अधिक वोट मिले थे। वहीं, चंद्रपुर विधानसभा में कांग्रेस पिछले पांच चुनावों में एक भी बार नहीं जीती है। पिछले चुनाव में बसपा दूसरे और 2008 में तीसरे नंबर पर थी। 2013 के चुनाव में जीत-हार का अंतर महज छह हजार वोट था। यहां कांग्रेस और बसपा के वोट को जोड़ने पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। कसडोल और चंद्रपुर सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।

 

इन सीटों पर बसपा की मजबूत स्थिति

प्रदेश की जैजेपुर विधानसभा से बसपा के केशव चंद्रा विधायक हैं। परंपरागत रूप से यह सीट कांग्रेस की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा ने पहली बार यहां से जीत दर्ज की है। वहीं, सारंगढ़, तखतपुर, बेलतरा, सक्ती, चंद्रपुर, पामगढ़, बिलाईगढ़, कसडोल और नवागढ़ विधानसभा सीट पर बसपा की स्थिति मजबूत है। इन सभी सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस विधायकों वाली मस्तुरी, अकलतरा, जांजगीर-चांपा और बलौदा बाजार सीट पर भी बसपा को बेहतर वोट मिले हैं।

लगातार हार रही कांग्रेस की बढ़ी उम्मीद

प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर लगातार हार रही कांग्रेस को बसपा के साथ आने के बाद जीत की उम्मीद है। तखतपुर में पिछले पांच चुनावों में केवल एक बार 2003 में कांग्रेस जीती है। बेलतरा में 1993 से लगातार भाजपा जीत रही है। सक्ती में कांग्रेस सिर्फ एक बार 2008 के चुनाव में जीती है। नवागढ़ में परिसीमन के बाद हुए दोनों चुनाव में भाजपा जीती है। मस्तुरी में 1993 के बाद कांग्रेस सिर्फ 2013 में जीत दर्ज करने में सफल हो पाई।

तीन चुनावों में बसपा की स्थिति

वर्ष     लड़े  जीते  जमानत जब्त  कुल वोट   प्रतिशत

2003  54  02          46          429334      4.45

2008  90  02          83         656210       6.11

2013  90  01          84        558424        4.27


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