छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों पर बढ़ा अत्याचार, एनसीआरबी ने जारी किए आंकड़ें
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार के मामलों की गंभीर समीक्षा की।
नईदुनिया, रायपुर। छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार बढ़ गया है। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में 2018 में महिला हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में वर्ष 2016 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार के 11 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 12 हजार से पार पहुंच गया है। यही नहीं, बलात्कार के मामले में छत्तीसगढ़ का नंबर बिहार, आंध्रप्रदेश, गुजरात और हरियाणा से भी पहले है।
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार के मामलों की गंभीर समीक्षा की। डीजीपी ने प्रदेश के सभी जिलों के एसपी की बैठक में गहरी नाराजगी जताई। करीब 45 मिनट की बैठक में डीजीपी ने एक-एक अधिकारियों को तुलनात्मक रूप से बढ़े अपराध की जानकारी दी और एक महीने में कंट्रोल करने का टारगेट भी दिया। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2016 में दुष्कर्म के 1626 मामले दर्ज किए गए थे।
सभी जिलों में थाना स्तर पर बनेगी टीम
बच्चों और महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में थाना स्तर पर टीम बनाई जा रही है। यही नहीं, सभी थानों में महिला सेल गठित करने के लिए एक महीने का टारगेट दिया गया है।
क्राइम कंट्रोल करने की कवायद
डीजीपी ने निर्देश दिया है कि अपराध को कम करने के लिए हर थाने में एक-एक महिला पुलिसकर्मी को तैनात किया जाए। यह महिला पुलिसकर्मी दफ्तर समय में महिलाओं की फरियाद को सुनें। डीजीपी ने महिलाओं से पूछताछ के तरीके में बदलाव का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि थानों में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं कि कोई महिला दोबारा शिकायत करने ही न आए। इन तरीकों को बदलने की जरूरत है।