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नोटबंदी में ढाई लाख रुपये तक की जमाराशि पर पूछताछ नहीं

आयकर विभाग ने 8 नवंबर के बाद बैंकों में जमा हुई धनराशि से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 06 Feb 2017 07:54 PM (IST)Updated: Mon, 06 Feb 2017 09:44 PM (IST)
नोटबंदी में ढाई लाख रुपये तक की जमाराशि पर पूछताछ नहीं
नोटबंदी में ढाई लाख रुपये तक की जमाराशि पर पूछताछ नहीं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में जमा हुई ढाई लाख रुपये तक की राशि पर आयकर विभाग की नजर नहीं है। विभाग ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि नोटबंदी के दौरान जमा हुई छोटी राशि के संबंध में कोई पूछताछ नहीं की जाएगी। सिर्फ उन्हीं खातों की जांच की जाएगी जो खाताधारक के आयकर रिटर्न के साथ मेल नहीं खाते।

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आयकर विभाग ने 8 नवंबर के बाद बैंकों में जमा हुई धनराशि से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इसके आधार पर ही उन लोगों की पहचान की जा रही है जिन्होंने भारी भरकम राशि 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट के रूप में जमा तो किए लेकिन पूर्ववर्ती वर्ष में आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष सुशील चंद्रा का कहना है कि किसी भी ईमानदार व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी ईमानदार व्यक्ति को परेशान न किया जाए। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने आठ नवंबर के बाद बैंकों में जमा हुई धनराशि के बारे में व्यापक तौर पर आंकड़े जुटा लिए हैं। अब इन आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।

आय कर विभाग ने प्रत्येक खाते में दो लाख रुपये से 80 लाख रुपये के बीच या 80 लाख से अधिक राशि के बारे में आंकड़ों का विश्लेषण किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी कह चुके हैं कि किसी भी खाते में जमा हुई ढाई लाख रुपये तक की राशि के बारे में पूछताछ नहीं की जाएगी। इसलिए विभाग ने ये आंकड़े फिलहाल दूर रखे हैं। आयकर विभाग का फोकस उन बैंक खातों पर है जिनमें से प्रत्येक में नोटबंदी के दौरान 5 लाख रुपये से अधिक राशि जमा हुई है।

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चंद्रा ने कहा कि अगर किसी कंपनी ने अपनी बैलेंसशीट में 10 लाख रुपये नकदी दिखायी हुई है और पांच लाख रुपये जमा किए हैं तो ऐसी कंपनियों से भी पूछताछ नहीं की जाएगी। इसी तरह अगर किसी व्यक्ति की करयोग्य आय 10 लाख रुपये है और वह तीन लाख रुपये जमा करता है, तो उससे भी आयकर विभाग सवाल नहीं पूछेगा। हालांकि अगर किसी व्यक्ति ने पांच लाख रुपये जमा किए हैं और पिछले तीन साल में रिटर्न भी दाखिल नहीं किया है तो उससे जरूर पूछताछ की जाएगी। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति ढाई लाख रुपये का आयकर रिटर्न दाखिल करता है और अलग-अलग बैंक खातों में 10 लाख रुपये जमा करता है तो उससे भी हिसाब किताब पूछा जाएगा।


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