नोटबंदी: आयकर की जांच में 9 लाख बैंक खाते संदिग्ध
ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों को ई--मेल और एसएमएस भेजे हैं।
नई दिल्ली। एजेंसी आयकर विभाग की जांच के दायरे में आने वाले 18 लाख अकाउंट में से 9 लाख संदिग्ध हैं। विभाग पहले इन्हें कानूनी नोटिस भेजेगा, फिर 31 मार्च के बाद कार्रवाई शुरू करेगा। इसके बाद सरकार की कालेधन संबंधी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बंद हो जाएगी। ऑपरेशन क्लीन मनी के तहत आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों को ई--मेल और एसएमएस भेजे हैं।
इन लोगों ने नोटबंदी के दौरान 5 लाख से ज्यादा की संदिग्ध रकम खातों में जमा की है। इन लोगों को आयकर विभाग को अपने डिपॉजिट के बारे में 15 फरवरी तक जवाब देना था। 18 लाख लोगों में से 5.27 लाख लोगों ने आयकर विभाग को 12 फरवरी तक जवाब दिए हैं। इनमें से 99.5 फीसदी खातेदारों ने माना है कि नोटबंदी के दौरान ये रकम उन्होंने ही जमा की थी। रकम करीब 7.41 लाख अकाउंट में जमा हुई थी। नोटिस भी भेजे जाएंगे एक सूत्र के मुताबिक एसएमएस और ईमेल भेजना कानून के मुताबिक सही नहीं है। इसलिए आयकर विभाग कानूनी नोटिस भेजेगा और 31 मार्च तक का इंतजार करेगा। इसके बाद इन खातेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आयकर विभाग के मुताबिक जो लोग नोटिस का जवाब नहीं देंगे उनके खिलाफ क़़डी कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। पक्के सबूत हों सरकारी सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों ने जवाब नहीं दिया है उनके पास डिपॉजिट से जु़़डे पुख्ता कानूनी सबूत होने चाहिए। इस रकम को आयकर रिटर्न में दिखाना ही पर्याप्त नहीं होगा। अगर किसी की आय में 2016--17 में अत्यधिक ब़़ढोतरी हुई है तो इसे अघोषिषत कालाधन माना जाएगा। इस पर कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। ई--फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी आयकर विभाग ने ऐसे 4.84 लाख लोगों की पहचान भी की है जिन्होंने ई--फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर नहीं किया। इनको रजिस्टर के लिए विभाग ने एसएमएस भेजे हैं।