एक हजार करोड़ से अधिक की आयकर चोरी, वीवीआइपी हेलीकाप्टर घोटाले से जुड़े तार
आयकर छापे के दौरान कंपनी के परिसरों से बड़े पैमाने पर कर चोरी के आपराधिक साक्ष्य मिले हैं। इसके अलावा हवाला के जरिए लेनदेन करने और मनी लांड्रिंग के भी सुबूत मिल गए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देश की राजधानी दिल्ली में वीवीआइपी हेलीकाप्टर घोटाले से जुड़ा आयकर चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है। दिल्ली में एक कंपनी के ठिकाने पर आयकर विभाग के छापे के दौरान एक हजार करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला है। वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े हवाला मामले में इस कंपनी के खिलाफ पहले से ही जांच चल रही है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) की ओर से बुधवार को जारी बयान के अनुसार जिस औद्योगिक घराने के परिसरों में आयकर विभाग की ओर से छापेमारी की गई वह विभिन्न ई-गर्वनेंस परियोजनाओं और वित्तीय सेवाओं से जुड़ा हुआ है।
देश के कई शहरों और दुबई तक फैला है कारोबार
विभाग ने अपने आधिकारिक बयान में तो इस औद्योगिक घराने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन आयकर विभाग के अधिकारियों ने इस कंपनी का नाम अलंकित ग्रुप होने की पुष्टि की है। यह समूह का कारोबार देश के कई शहरों और दुबई में फैला हुआ है। इस बीच, इन आरोपों को लेकर कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया है। आयकर छापे के दौरान इस कंपनी के परिसरों से बड़े पैमाने पर कर चोरी के आपराधिक साक्ष्य मिले हैं। इसके अलावा, हवाला के जरिए लेनदेन करने और मनी लांड्रिंग के भी सुबूत मिल गए हैं।
वीवीआइपी हेलीकाप्टर घोटाले में राजीव सक्सेना है आरोपित
CBDT के बयान के अनुसार इस कंपनी ने अपनी अघोषित आय यानी काले धन को दिल्ली और कोलकाता स्थित अपनी खोखा (फर्जी) कंपनियों के जरिए वैध करने की कोशिश की है। इससे पहले आयकर विभाग इस कंपनी के खिलाफ उवर्रक हासिल करने संबंधी मामले में भी छापे डाल चुका है। इतना ही नहीं, कंपनी का दुबई स्थित ऑपरेटर (राजीव सक्सेना) वीवीआइपी हेलीकाप्टर घोटाले में भी आरोपित है। जांच में पता चला है कि उसकी दुबई स्थित खोखा कंपनियों के जरिए 'दलाली' की मोटी रकम जमा की गई है। दलाली की इसी रकम का कुछ हिस्सा मनी लांड्रिंग के जरिए दिल्ली की इस कंपनी के मार्फत भारत वापस भेजा गया है।
गौरतलब है कि राजीव सक्सेना को 3600 करोड़ रुपये के वीवीआइपी हेलीकाप्टर घोटाले में मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में सक्सेना को दुबई से डिपोर्ट किया जा चुका है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि आरोपित राजीव सक्सेना ने एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के हवाला लेन-देन और फर्जी प्रविष्टियों के जरिए कर चोरी और मनी लांड्रिंग की है।
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