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हवाला कारोबार में फंसे केजरीवाल के मंत्री, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

आयकर विभाग को पता चला है कि सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन के नियंत्रण वाली चार कंपनियों ने वित्त वर्ष 2010-11 से 2015-16 के दौरान 16.39 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग की।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 05 Jan 2017 12:07 AM (IST)Updated: Thu, 05 Jan 2017 06:35 AM (IST)
हवाला कारोबार में फंसे केजरीवाल के मंत्री, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली, हरिकिशन शर्मा। आयकर विभाग की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से भारी भरकम राशि मनी लांड्रिंग की है। आयकर विभाग इस मामले में जैन को नोटिस जारी कर चुका है और आगे बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। जैन को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का विश्वस्त माना जाता है।

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सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग को पता चला है कि सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन के नियंत्रण वाली चार कंपनियों ने वित्त वर्ष 2010-11 से 2015-16 के दौरान 16.39 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग की। कोलकाता के हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से यह काम किया गया। आयकर विभाग सितंबर 2016 में जैन को इस मामले में नोटिस जारी कर चुका है।

सूत्रों के मुताबिक, जैन के करीबी कर्मचारी कोड वर्ड के साथ दिल्ली से हवाला माध्यम से कैश भेजते थे। इसके बाद कोलकाता के हवाला ऑपरेटर छद्म कंपनियों के नाम से जैन की कंपनी में शेयर खरीदने के बहाने चेक या आरटीजीएस के माध्यम से धनराशि ट्रांसफर करते थे।

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जैन ने नहीं दिया जवाब

जैन से जब इस बारे में आधिकारिक प्रतिक्रिया के लिए ईमेल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जैन के मोबाइल पर फोन करने पर उनके सहयोगी रजत ने बताया, 'यह पुराना मामला है। आयकर विभाग ने तीन-चार महीने पहले बुलाया था। मंत्री अपना बयान दे चुके हैं।' हालांकि, 'दैनिक जागरण' के पास उपलब्ध दस्तावेजों से साफ है कि जिस दौरान इन कंपनियों को यह धनराशि हवाला ऑपरेटरों के जरिये प्राप्त हुई उस वक्त इन पर जैन या उनकी पत्नी का ही नियंत्रण था।

कंपनियों पर बदलता रहता है नियंत्रण

इंडो मेटलइम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2010-11 और 2011-12 में हवाला ऑपरेटरों से क्रमश: 6.42 करोड़ रुपये और 0.72 करोड़ रुपये मिले। जैन 2011 में इस कंपनी में निदेशक थे, जबकि उनकी पत्नी के पास इसकी 67 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इसी तरह अकिंचन डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2010-11 में 1.83 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2011-12 में 1.01 करोड़ रुपये मिले इस दौरान सत्येन्द्र जैन 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इस कंपनी में मुख्य प्रबंधन व्यक्ति थे। उन्होंने 31 जुलाई 2013 को इस कंपनी से त्यागपत्र दिया। इसके बाद इस कंपनी को 2015-16 में 2.02 करोड़ रुपये मिले। फिलहाल इस कंपनी पर मंगलायतन प्रोजेक्ट और जेजे आइडियल एस्टेट लिमिटेड के माध्यम से जैन की पत्नी और उनके परिवार का नियंत्रण है।

पत्नी और रिश्तेदारों का नियंत्रण

प्रयास इन्फोसोल्युशंस को वित्त वर्ष 2011-12 में हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से 1.80 करोड़ रुपये मिले। जैन इस कंपनी में 2007 में जुड़े थे और 31 जुलाई 2013 को इससे अलग हुए। इस कंपनी पर जैन की पत्नी और रिश्तेदारों का नियंत्रण है। मंगलायतन प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को वित्त वर्ष 2015-16 में 1.90 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। मंगलायतन में 44 फीसद हिस्सेदारी जेजे आइडियल एस्टेट लिमिटेड के माध्यम से जैन की पत्नी और परिवार के कई सदस्यों की है।

जैन के निर्देश पर लेन-देन

हवाला एंट्री ऑपरेटर राजेन्द्र बंसल ने आयकर विभाग को बताया कि वह 2003-04 में सत्येंद्र जैन से मिला था। उसने जीवेन्द्र मिश्रा और अभिषेक चोखानी के साथ मिलकर जैन की कंपनियों को पैसा भेजा। बंसल ने यह भी बताया कि सभी लेन-देन जैन के ही निर्देशों पर हुए। उनके ऑफिस के कर्मचारियों से कैश लेकर धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से जैन की कंपनियों को दी गयी।

जैन की कपंनियों को कब-कब मिला पैसा

कंपनी वित्त वर्ष राशि

इंडो मेटालइम्पेक्स 2010-11 6.42

अकिंचन डवलपर्स 2010-11 1.83

इंडो मेटालइम्पेक्स 2011-12 0.72

प्रयास इन्फोसोल्युशंस 2011-12 1.80

अकिंचन डवलपर्स 2011-12 1.01

मंगलायतन प्रोजेक्ट 2015-16 1.90

प्रयास इन्फोसोल्युशंस 2015-16 0.69

अकिंचन डेवलपर्स 2015-16 2.02

कुल राशि 16.39

(धनराशि करोड़ रुपये में)

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