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अमेरिका के इस वीजा का भारत और चीन में है क्रेज, जानिए क्‍या है पूरा मामला

एच1बी वीज़ा का नाम आते ही भारत की चिंताएं भी बढ़ जाती है। आइए, हम आपको बताते हैं कि आखिर क्‍या है एच1बी वीज़ा और इसका भारत से क्‍या है कनेक्‍शन।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 19 Oct 2018 12:35 PM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 02:55 PM (IST)
अमेरिका के इस वीजा का भारत और चीन में है क्रेज, जानिए क्‍या है पूरा मामला
अमेरिका के इस वीजा का भारत और चीन में है क्रेज, जानिए क्‍या है पूरा मामला

नई दिल्‍ली [ जागरण स्‍पेशल ]। अमेरिका में एक बार फ‍िर एच1बी वीज़ा सुर्खियों में है। अमरीका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्‍ट्रपति चुनाव के वक्‍त इसको मुद्दा बनाया था। अमेरिकियों को रिझाने के लिए ट्रंप ने इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। उस वक्‍त अमेरिका में ही नहीं बल्कि भारत समेत तमाम मुल्‍कों में इसकी चर्चा जाेरों पर थी। अब एक बार फ‍िर आईटी सर्व ने अमरीका इमिग्रेशन एजेंसी पर एच1बी वीज़ा को तीन साल से कम समय के लिए जारी करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किया है। इससे एक बार फ‍िर यह मामला सुर्खियों में है। एच1बी वीज़ा का नाम आते ही भारत की चिंताएं भी बढ़ जाती है। आइए, हम आपको बताते हैं कि आखिर क्‍या है एच1बी वीज़ा और इसका भारत से क्‍या है कनेक्‍शन।

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भारत और चीन में एच1बी का क्रेज

दरअसल, जिन युवाओं को अमेरिका में नौकरी करने की ललक होती है, उनके लिए एच1बी वीजा वरदान है। अमेरिका का एच1बी वीजा जिस भारतीय को हासिल होता है, उन्‍हें अमेरिका में अस्‍थाई रूप से नौकरी की इजाजत मिल जाती है। एच1बी वीजा जहां अमेरिका में नौकरी की गारंटी देता है, वहीं वीजा धारकों के परिजनों को भी काफी सहुलियत हासिल हाे जाती है। एच1बी वीज़ा धारकों के परिजनाें को अमेरिका सरकार एच4 वीज़ा जारी करती है। इसे पाने के बाद वो भी अमरीका में रह सकते हैं। अमरीकी सरकार हर साल 65 हज़ार एच1बी वीज़ा जारी करती है। इस वीज़ा का सर्वाधिक आकर्षण व क्रेज भारतीयों और चीनी युवाओं में रहता है। यही कारण है कि सर्वाधिक आवेदन भारतीय करते हैं। दूसरे स्थान पर सबसे अधिक आवेदन करने वाला देश चीन है।

सियासत का मुद्दा बनता है एच1बी वीजा

विगत कुछ वर्षों से अमरीका के राजीनति में एच1बी वीजा का मुद्दा गरमाया रहता है। राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से पूर्ववर्ती सरकारों का भी वीजा को सीमित करने की कोशिश रही हैं। पूर्व में ओबामा प्रशासन की नजर भी इस वीजा पर गई थी। वर्ष 2015 में एच1बी वीजा के नियमों में ओबामा प्रशासन ने काफी फेरबदल किया था। ट्रंप ने तो बाकायदा इसे अपना चुनावी मुद्दा बनाया था और इस पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। 2010 और 2016 में इसकी फ़ीस में भारी बढ़ोतरी का भारत ने कड़ा विरोध किया था।

अदालत में गया मामला

आईटी सर्व ने अमरीका इमिग्रेशन एजेंसी पर एच1बी वीज़ा को तीन साल से कम समय के लिए जारी करने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किया है। दरअसल आईटीसर्व अमेरिका में छोटी-छोटी आईटी कंपनियों का एक समूह है। इसमें एक हजार से ज्‍यादा कंपनियां शामिल हैं। इनका संचालन ज़्यादातर भारतीय अमरीकी करते हैं। इस कंपनी ने अदालत में में यह दावा किया है कि इमिग्रेशन एजेंसी द्वारा एच1-बी वीज़ा तीन साल से कम समयावधि के लिए जारी किया जा रहा है जबकि सामान्य तौर पर इस वीज़ा की अवधि तीन से छह साल होती है। कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा गया है कि एजेंसी के पास मौजूदा नियमों को ग़लत तरीके से पेश करने और वर्तमान नियमों में बदलाव कर वीज़ा की अवधि को कम करने का कोई अधिकार नहीं है।

क्‍या है आईटी सर्व अलायंस

आईटी सर्व अलायंस अमरीका में आईटी सेवाएं मुहैया कराने वाला एक प्रमुख संगठन है। इस संगठन में भारत के करीब बीस हजार लोग जुड़े हैं। इस समूह का अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था का काफी प्रभाव है। इस समूह का सालाना राजस्व लगभग पांच अरब डॉलर यानी 37 हज़ार करोड़ रुपये है। दुनियाभर में इस संगठन से 50 हज़ार से अधिक लोग जुड़े हैं। इसमें केवल अमरीका में ही 30 हज़ार से अधिक लोग मौजूद हैं।


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