कोरोना काल में जागरूकता के लिए 100 दिन तक प्रतिदिन 100 किमी दौड़ेंगे समीर, अच्छी सेहत का देंगे मंत्र
जागरूकता के लिए कई मैराथन में दौड़ चुके हैं समीर सिंह अब अच्छे स्वास्थ्य के लिए लोगों को करेंगे प्रेरित। समीर का कहना है कि दौड़ से अच्छा कोई व्यायाम नहीं है और इससे इम्युनिटी भी तेजी से बढ़ती है।
इंदौर, आलोक शर्मा। कोरोना काल में संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूकता के लिए कई लोगों ने अलग-अलग कार्य किए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के गांव कानाहेड़ा निवासी समीर सिंह अब इसी दिशा में कुछ अलग करने जा रहे हैं। 40 वर्षीय धावक समीर कोरोना से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) का महत्व बताने के लिए 100 दिन तक प्रतिदिन 100 किमी की दौड़ (बीट द कोविड 100 इनटू 100) लगाएंगे। इससे अच्छी सेहत का राज अन्य लोगों तक भी पहुंचेगा।
समीर का कहना है कि दौड़ से अच्छा कोई व्यायाम नहीं है और इससे इम्युनिटी भी तेजी से बढ़ती है। जनवरी मध्य में समीर सुवासरा से मंदसौर और मंदसौर से सुवासरा तक प्रतिदिन दौड़ लगाना शुरू करेंगे। यह गिनीज बुक आफ रिकार्ड में भी दर्ज हो सकती है। इससे पहले समीर सिंह बलिदानी सैनिकों के स्वजनों की मदद के लिए 14 हजार किमी से अधिक की दौड़ भी लगा चुके हैं।
दौड़ के जुनून में मां के अंतिम संस्कार में भी नहीं आए थे समीर
समीर सिंह को बचपन से ही सेना में शामिल होने का जुनून था, लेकिन 10वीं कक्षा तक ही पढ़ाई के कारण सेना में अधिकारी बनने का सपना पूरा नहीं हो सका, पर दौड़ के जुनून ने उन्हें देशभर में प्रसिद्ध कर दिया। फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने समीर सिंह को परखा और उन्हीं की प्रेरणा से समीर सिंह ने दिसंबर 2017 में वाघा सीमा से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, कन्याकुमारी, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, उत्तर-पूर्व के राज्यों, बिहार, उत्तरांचल, लेह, कश्मीर होते हुए फिर वाघा सीमा तक 14,195 किमी की मैराथन दौड़ सात माह पांच दिन में पूरी की थी।
इस दौरान उनकी माता का निधन हो गया था, पर सैनिकों के परिवारों की मदद के जुनून के कारण मां के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए थे। दौड़ का उद्घाटन अक्षय कुमार ने समारोह में किया था। इस समारोह में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली भी शामिल थे। दौड़ का खर्च अक्षय कुमार ने उठाया था। अक्षय कुमार की पहल पर तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बलिदानियों के परिवारों की मदद के लिए भारत के वीर पोर्टल की शुरुआत की थी। इसके माध्यम से दानदाता बलिदानी सैनिकों के परिवारों को लगभग 50 करोड़ रुपये की मदद कर चुके हैं। पोर्टल से राशि सीधे बलिदानी सैनिक परिवारों के खातों में ट्रांसफर होती है। समीर सिंह अब मुंबई में रहते हुए मैराथन का प्रशिक्षण भी देते हैं।