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राहुल पर अवमानना और राफेल मामला अलग-अलग लगाने पर सुप्रीम कोर्ट अचंभित

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने राहुल गांधी का अवमानना मामला और राफ़ेल याचिका पर सुनवाई के मामले अलग- अलग तारीख पर लिस्ट होने पर आश्चर्य जताया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 05:35 PM (IST)
राहुल पर अवमानना और राफेल मामला अलग-अलग लगाने पर सुप्रीम कोर्ट अचंभित
राहुल पर अवमानना और राफेल मामला अलग-अलग लगाने पर सुप्रीम कोर्ट अचंभित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ उनके 'चौकीदार चोर है' बयान के लिए लंबित अवमानना याचिका पर सुनवाई की अलग-अलग तारीख लगने पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया।

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मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि उन्होंने दोनों मामले की एक साथ सुनवाई की तारीख तय करने का आदेश दिया था। फिर दोनों की अलग-अलग कैसे हो गई। कोर्ट ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा कैसे हुआ। इसके बाद कोर्ट ने राफेल पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई भी 10 मई तक के लिए टाल दी। अब दोनों मामले की सुनवाई 10 मई को होगी।

कोर्ट ने पक्षकारों से उस दिन तैयार होकर आने को कहा है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने सोमवार को राफेल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पिछली तारीख पर उन्होंने दोनों मामलों की सुनवाई स्थगित करते हुए सोमवार यानी छह मई को एक साथ लगाने का आदेश दिया था तो फिर यह कैसे हुआ कि सिर्फ राफेल पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई पर लगीं और राहुल का मामला नहीं लगा।

इस पर कोर्ट को बताया गया कि पिछली सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर जो आदेश डाला गया था उसमें राफेल की सुनवाई छह मई और राहुल के अवमानना मामले की सुनवाई 10 मई दी गई थी और इसीलिए आज राहुल का अवमानना मामला नहीं लगा है। मुख्य न्यायाधीश ने पूरे मामले पर चकित और भ्रमित होने का आभास देते हुए राफेल मामले की भी सुनवाई 10 मई तक टाल दी।

साथ ही केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वह इस बीच उत्तर प्रतिउत्तर दाखिल करने की कार्यवाही पूरी कर लें। इससे पहले जैसे ही सुनवाई शुरू हुई राफेल पुनर्विचार याचिकाओं पर बहस करने के लिए वकील प्रशांत भूषण खड़े हुए उन्होंने कोर्ट को मामले की प्रारंभिक जानकारी दी और कहा कि उन्होंने दस्तावेजों की सुरक्षा के बारे में भी एक अर्जी दाखिल की है जिस पर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाए। साथ ही सरकार कोर्ट के सामने सही तथ्य न रखने के मामले में अधिकारियों के खिलाफ दाखिल अर्जी का भी जवाब दे। भूषण अपनी बात रख ही रहे थे कि मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि दूसरा मामला कहा हैं।

अवमानना मामले में कौन पेश हो रहा है? क्या जवाब दाखिल किया गया? तब उन्हें बताया गया कि राहुल गांधी के खिलाफ लंबित अवमानना मामला 10 मई को लगा है। मालूम हो कि राफेल मामले में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की हामी भरने वाले सुप्रीम कोर्ट के 10 अप्रैल के आदेश के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया के सामने और एक रैली में में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि चौकीदार चोर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चोरी की है। कोर्ट का नाम लेकर दिए गए इस बयान को आधार बनाकर भाजपा सांसद मिनाक्षी लेखी ने राहुल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। जिस पर कोर्ट ने राहुल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

राहुल ने इस मामले में दो हलफनामे दाखिल किए हैं। उन्होंने बयान पर खेद जताया था लेकिन स्पष्ट तौर पर माफी नहीं मांगी थी। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने हलफनामे में कांग्रेस अध्यक्ष के माफी न मांगने और लंबे चौड़े हलफनामे में दिए गए शब्दजाल पर नाराजगी जताई थी। राहुल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से एक और हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांग लिया था। 

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