एससी-एसटी एक्ट में गुजरात हाइकोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के एक दिन पहले सुनाए गए फैसले को ध्यान में रखते हुए एक महिला समेत राजपूत समुदाय के 15 लोगों को अग्रिम जमानत प्रदान की।
अहमदाबाद (प्रेट्र)। एससी-एसटी (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट) के प्रावधानों को शिथिल करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले ही दिन गुजरात हाइकोर्ट ने एक दलित व्यक्ति पर हमला करने में आरोपित 15 लोगों को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी।
जस्टिस जेबी परदीवाला ने 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के एक दिन पहले सुनाए गए फैसले को ध्यान में रखते हुए एक महिला समेत राजपूत समुदाय के 15 लोगों को अग्रिम जमानत प्रदान की। इन लोगों के खिलाफ जनवरी में साबरकांठा जिले के जादर पुलिस स्टेशन में एससी-एसटी (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज) एक्ट के तहत एफआइआर दर्ज कराई गई थी।
इसके मुताबिक, जिले के मोती बडोल गांव में आरोपितों ने मामूली सी बात पर दलित व्यक्ति की न सिर्फ पिटाई की, बल्कि जातिसूचक अपशब्द भी कहे थे। जब निचली अदालत ने आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी तो उन्होंने पिछले महीने हाइकोर्ट में अपील की थी। 21 मार्च को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील राजेश शाह ने सुप्रीम कोर्ट के एक दिन पूर्व सुनाए गए फैसले का हवाला दिया। इस पर जस्टिस परदीवाला ने आरोपितों को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी।