राजस्थान में मुठभेड़ में दो लोगों की मौत, 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा का दर्ज
राजस्थान के धौलपुर जिले में अवैध रूप से बजरी ले जा रहे लोगों के साथ पुलिस मुठभेड़ में दो लोगों की मौत के मामले ने सियासी रंग ले लिया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के धौलपुर जिले में अवैध रूप से बजरी ले जा रहे लोगों के साथ पुलिस मुठभेड़ में दो लोगों की मौत के मामले ने सियासी रंग ले लिया है। भाजपा और कांग्रेस के गुर्जर नेताओं के इस घटना के विरोध में आने के बाद उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दखल दिया है। उनके निर्देश पर 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। वह रविवार को पीड़ित परिजनों से मिलने उनके गांव पहुंचे और निष्पक्ष जांच का आश्वासन भी दिया। यही नहीं, सरकार की ओर से पीड़ित परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी गई है।
विरोध में उतरे भाजपा-कांग्रेस के गुर्जर नेता
दो लोगों की मौत के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था। शनिवार सुबह पुलिस ने मृतकों के परिजनों को सूचना देकर शवों का पोस्टमार्टम कराया, लेकिन दोपहर तक कांग्रेस और भाजपा के गुर्जर नेता मौके पर पहुंच गए। नेताओं ने शवों का अंतिम संस्कार नहीं करने और आंदोलन करने की चेतावनी दी।
मामला सियासी होते देख पायलट ने संभाला मोर्चा
कांग्रेस और भाजपा के गुर्जर नेताओं के इस मामले में कूदने के बाद राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया। मामले को सियासी होता देख सरकार हरकत में आ गई। पहले मामले को शांत करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक बीजू जॉर्ज जोसफ को धौलपुर भेजा गया, लेकिन फिर भी मामला शांत न होते देख शनिवार रात सचिन पायलट ने मोर्चा संभाला। अब पायलट के ही निर्देश पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दरअसल राज्य में गुर्जर बड़ी संख्या में हैं। किसी भी चुनाव में इस समुदाय की अहम भूमिका होती है। इस कारण कोई भी राजनीतिक दल इस समुदाय को नाराज नहीं करना चाहता।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार रात अवैध बजरी ला रहे लोगों और पुलिस के बीच फायरिंग हुई थी। दोनों तरफ से फायरिंग हुई। बाड़ी के डांग बसई पुलिस थाना क्षेत्र में हुई इस मुठभेड़ में दो युवकों की मौत हो गई, वहीं तीन लोग घायल हो गए थे। ये सभी गुर्जर समाज के हैं। पुलिस के दो जवान भी घायल हुए। शनिवार सुबह पुलिस ने मृतकों के परिजनों को सूचना देकर शवों का पोस्टमार्टम कराया, लेकिन शनिवार दोपहर तक कांग्रेस और भाजपा के गुर्जर नेता मौके पर पहुंच गए। नेताओं ने शवों का अंतिम संस्कार नहीं करने और आंदोलन करने की चेतावनी दी।