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मध्य प्रदेश में कितने लव जिहादियों पर कसी गई नकेल, किस संभाग में सबसे ज्‍यादा केस, गृह मंत्री ने दी जानकारी

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि देश और प्रदेश में बड़े पैमाने पर ऐसे लोग सक्रिय हैं। मतांतरण कराने वालों पर अंकुश जरूरी है। हम तो पहले से ही इस समस्या की गंभीरता को लेकर आवाज उठाते रहे हैं।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 08:55 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 08:55 PM (IST)
मध्य प्रदेश में कितने लव जिहादियों पर कसी गई नकेल, किस संभाग में सबसे ज्‍यादा केस, गृह मंत्री ने दी जानकारी
मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामले

भोपाल, राज्‍य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामले किस हद तक परेशानी का कारण बने हुए थे, यह धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश- 2020 के तहत पिछले एक माह में की गई कार्रवाई से सामने आया है। इस दौरान लव जिहाद के 23 मामले प्रदेश में दर्ज किए गए। इनमें सबसे अधिक सात प्रकरण भोपाल संभाग के हैं। 

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गृह मंत्री ने कहा, देश में बड़ी संख्या में लव जिहादी सक्रिय, इन पर अंकुश जरूरी

प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि देश और प्रदेश में बड़े पैमाने पर ऐसे लोग सक्रिय हैं। मतांतरण कराने वालों पर अंकुश जरूरी है। हम तो पहले से ही इस समस्या की गंभीरता को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। मिश्रा ने बताया कि अध्यादेश लागू होने के दिन से गुरुवार (11 फरवरी) तक प्रदेश में लव जिहाद के 23 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें से भोपाल संभाग में सात, इंदौर संभाग में पांच, जबलपुर व रीवा संभाग में चार-चार और ग्वालियर संभाग में तीन केस दर्ज किए गए हैं। 

गौरतलब है कि इसी वर्ष नौ जनवरी को मध्य प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 लागू किया गया था। सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर उसकी प्रति प्रदेश के सभी कलेक्टरों को भेजी जा चुकी है। हालांकि इसे छह महीने में विधानसभा से पास कराना होगा। इससे पहले यह कानून उत्तर प्रदेश में भी अध्यादेश के माध्यम से लागू किया जा चुका है।

अध्यादेश के मुख्य प्रविधान

- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती मतांतरण करवाकर शादी करने पर 10 साल की सजा। यह गैर जमानती अपराध है। 

- मतांतरण और उसके बाद किए जाने वाले विवाह के दो माह पहले कलेक्टर (डिस्ट्रि‍क्ट मजिस्ट्रेट) को दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन देना होगा।

- बगैर आवेदन दिए मतांतरण करवाने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को भी पांच साल तक की सजा का प्रविधान है। 

- मतांतरण और जबरदस्ती किए जा रहे विवाह की शिकायत पीड़ि‍ता, उसके माता-पिता, स्वजन या अभिभावक द्वारा की जा सकती है।

- इस मामले में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपित बनाया जाएगा और मुख्य आरोपित की तरह ही सजा होगी। 

- आरोपित को ही निर्दोष होने के साक्ष्य देने होंगे। 


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