केरल: बिशप दुष्कर्म मामले की गवाह ननों का तबादला आदेश रद, जन दबाव से झुका चर्च प्रशासन
केरल में दुष्कर्म मामले में आरोपी बिशप फ्रैंको मुक्कल की गिरफ्तारी की मांग करने वाली और गवाह चार ननों के स्थानांतरण आदेश को चर्च प्रशासन ने वापस ले लिया है।
कोट्टयम, आइएएनएस। केरल में दुष्कर्म मामले में आरोपी बिशप फ्रैंको मुक्कल की गिरफ्तारी की मांग करने वाली और गवाह चार ननों के स्थानांतरण आदेश को चर्च प्रशासन ने वापस ले लिया है। उन्हें कॉन्वेंट में तब तक कार्य करते रहने के लिए कहा गया है जब तक मामले की अदालती कार्यवाही पूरी नहीं हो जाती।
चार ननों में से एक सिस्टर अनुपमा ने स्थानांतरण आदेश रद होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया- जालंधर के नए बिशप के पत्र में उन्हें कुरुविलंगाड कॉन्वेंट में बने रहने के लिए कहा गया है। यह स्थिति दुष्कर्म मामले का मुकदमा पूरा होने तक बनी रहेगी।
सिस्टम अनुपमा ने बिशप का पत्र जनसभा में पढ़कर सुनाया। यह जनसभा स्थानांतरित की गई चार ननों के समर्थन में आयोजित की गई थी। समाज के सभी वर्गों के लोग इन ननों के कुरुविलंगाड से स्थानांतरण का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान पांच लोगों द्वारा जनसभा का विरोध किए जाने से स्थिति बिगड़ने लगी। लेकिन पुलिस ने उन्हें तत्काल हिरासत में ले लिया और उन्हें सभास्थल से दूर ले गई।
माना जा रहा है कि जनसभा का विरोध करने वाले बिशप फ्रैंको के समर्थक थे। उल्लेखनीय है कि बिशप फ्रैंको की गिरफ्तारी की मांग करने वाली चार ननों को जनवरी में देश के चार अलग-अलग स्थानों के लिए स्थानांतरण कर दिया गया था। जब उन्होंने मामले में मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया तो उन्होंने कुछ नहीं किया। इसके बाद इलाके के लोगों ने एकजुट होकर ननों के स्थानांतरण का विरोध शुरू कर दिया। इसी विरोध का नतीजा था कि चर्च प्रशासन को चारों ननों का स्थानांतरण रद करना पड़ा।