आतंकियों और अलगाववादियों को ठेंगा, पंचायत चुनाव में 74 फीसद मतदान
जम्मू-कश्मीर में 22 जिलों में से 15 जिलों के 47 ब्लॉकों में मतदान 74.1 फीसद रहा। इसमें सबसे ज्यादा 83.6 फीसद मतदान जम्मू संभाग के जिला ऊधमपुर में हुआ।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगते हुए कठुआ और कुपवाड़ा जिले के लोगों ने आतंकियों व अलगाववादियों की धमकियों को ठेंगा दिखाते हुए शनिवार को पूरे जोश के साथ पंचायत चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान किया। शाम को नतीजे भी घोषित कर दिए गए।
राज्य के 22 जिलों में से 15 जिलों के 47 ब्लॉकों में मतदान 74.1 फीसद रहा। इसमें सबसे ज्यादा 83.6 फीसद मतदान जम्मू संभाग के जिला ऊधमपुर और सबसे कम 11.9 फीसद कश्मीर संभाग के गांदरबल जिले में हुआ। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में मतदान 74.1 फीसद रहा। यह वही जिला है, जहां इसी महीने एक नवंबर को आतंकियों ने भाजपा के राज्य सचिव अनिल परिहार व उनके भाई अजीत परिहार की हत्या कर दी थी।
बता दें कि राज्य में पंचायत चुनाव 2016 से लंबित पड़े हुए थे। राज्यपाल प्रशासन ने सितंबर में पंचायतों का गठन कराने के लिए नौ चरणों में चुनाव कराने का एलान किया था। पूरे राज्य में 316 ब्लॉकों में 4,483 पंचायत हलकों में 35,029 पंच हलके हैं, जिनमें 58,54,208 मतदाता हैं।
मतदान के लिए 3,296 पोलिंग बूथ बनाए गए। इनमें 1,303 कश्मीर और 1,993 जम्मू हैं। पहले चरण के तहत मतदान वाले इलाकों में शुक्रवार को पोलिंग स्टाफ और सुरक्षाबलों ने डेरा डाल लिया था। कश्मीर संभाग के दस जिलों में मतदान की सुरक्षा को लेकर बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए हैं। इस बीच, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शालीन काबरा ने पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के साथ-साथ पीठासीन अधिकारियों को मतदान के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
कश्मीर केंद्रित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी व नेशनल कांफ्रेंस चुनाव का बहिष्कार कर रही हैं, ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव के बाद ग्रामीण इलाकों में पैठ बनाने के लिए कांग्रेस व भाजपा में टक्कर होगी। कहने को यह चुनाव गैर राजनीतिक आधार पर हो रहे हैं, लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने इस चुनाव में अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।