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चीन से सीमा पर तनाव के बीच कश्मीर में हाईवे पर लड़ाकू विमान उतारने की तैयारी

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच कश्मीर में वायुसेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही साढ़े तीन किलोमीटर की एक हवाई पट्टी का निर्माण शुरू कर दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 01:41 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 10:46 AM (IST)
चीन से सीमा पर तनाव के बीच कश्मीर में हाईवे पर लड़ाकू विमान उतारने की तैयारी
चीन से सीमा पर तनाव के बीच कश्मीर में हाईवे पर लड़ाकू विमान उतारने की तैयारी

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ बढ़ते सैन्य तनाव के बीच कश्मीर में वायुसेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही साढ़े तीन किलोमीटर की एक हवाई पट्टी का निर्माण शुरू कर दिया है। इस पर लड़ाकू विमान आसानी से उतर और उड़ान भर सकते हैं। यहां से नियंत्रण रेखा और वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंचने में वायुसेना को बेहद कम समय लगेगा। यह हवाई पट्टी बिजबिहाड़ा में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के साथ बनाई जा रही है। इस पर करीब 119 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह आठ माह में तैयार होगी।

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अधिकारियों ने बताया कि यह पट्टी लगभग साढे़ तीन किलोमीटर लंबी है। दो दिन पहले ही इसका निर्माण शुरू किया गया है। इसे युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है। यह पट्टी किसी भी आपातस्थिति में लड़ाकू विमानों के लिए इस्तेमाल होगी। लड़ाकू विमान इस पर किसी भी समय उतर सकते हैं और उड़ान भर सकते हैं। हवाई पट्टी के निर्माण में जुटे कर्मियों व श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन ने विशेष पास जारी किए हैं।

अहम है हवाई पट्टी

अधिकारी ने बताया कि इस हवाई पट्टी का निर्माण देश के लिए बहुत अहम है। कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। इसके अलावा लद्दाख का एक हिस्सा चीन के साथ और एक हिस्सा पाकिस्तान के साथ भी सटा हुआ है। चीन और पाकिस्तान दोनों के साथ ही भारत के संबंध तनावपूर्ण ही हैं। युद्ध की स्थिति में यह पट्टी सेना, वायुसेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत कारगर साबित होगी। बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदााओं में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

2017 में बनाने का हुआ था फैसला

श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर दक्षिण कश्मीर में इस हवाई पट्टी के निर्माण का फैसला 2017 में लिया गया था। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बंगाल, ओडिशा और गुजरात समेत देश के विभिन्न हिस्सों में इस तरह की 12 हवाई पट्टियां बनाई जाएंगी। 


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