Move to Jagran APP

ICICI Bank case: चंदा कोचर, पति दीपक और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज

ICICI Bank Fraud में पूर्व सीईओ चंदा कोचर, पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत और अन्य आरोपितों के खिलाफ ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 02 Feb 2019 09:03 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 01:21 AM (IST)
ICICI Bank case: चंदा कोचर, पति दीपक और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज
ICICI Bank case: चंदा कोचर, पति दीपक और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज

नई दिल्ली, प्रेट्र। 1875 करोड़ रुपये के आइसीआइसीआइ बैंक घोटाले में इस बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत और अन्य आरोपितों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी इन सभी को जल्द ही समन भेज सकती है।

loksabha election banner

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पिछले महीने सीबीआइ के दर्ज मामले के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत एक इनफोर्समेंट केस इनफोरमेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) दर्ज कर ली है। प्रवर्तन निदेशालय की एक ईसीआइआर असल में पुलिस की एफआइआर के समकक्ष ही होती है।

अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी तब जांच करेगी जब बैंक कर्ज घोटाले में दलाली की रकम से कोई अवैध संपत्ति बनाई गई होगी। ईसीआइआर में दर्ज नामों को जल्द ही ईडी समन भेज सकती है। ईडी में आरोपितों की सूची एकदम सीबीआइ की सूची जैसी ही है।

सीबीआइ ने अपनी एफआइआर में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वीडियोकॉन इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (वीआइईएल) और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआइएल) के मालिक वेणुगोपाल धूत और दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रीन्यूएबिल्स का भी नाम दर्ज किया है।

सीबीआइ ने इन सभी आरोपितों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों को लगाया था। सीबीआइ ने मामले में कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। आरोप है कि एक मई, 2009 को चंदा कोचर के आइसीआइसीआइ बैंक के सीईओ का पद संभालने के बाद धूत की कंपनी सुप्रीम एनर्जी को कई बड़े कर्ज दिए थे जो बाद में एनपीए साबित हुए।

धूत की इस कंपनी ने चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर में निवेश किया था। सीबीआइ का आरोप है कि दीपक कोचर और धूत के बीच इन्हीं दो कंपनियों के जरिए कई दफा मोटी रकमों का लेन-देन हुआ। सीबीआइ ने प्रारंभिक जांच में पाया कि 1875 करोड़ रुपये के छह कर्ज वीडियोकॉन कंपनी समूह को मंजूर किए गए थे। यह सभी कर्ज जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच दिए गए थे।

प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह सभी कर्ज बैंक की नीतियों का उल्लंघन करके दिए गए थे। सीबीआइ के प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2012 में बैंक को 1730 करोड़ रुपये का चूना लगाने पर बैंक ने उसके कर्ज को एनपीए घोषित कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.