कुंवर बाई के बहाने अखिलेश यादव की छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग के वोटों पर निगाह
धमतरी स्थित कोटाभर्री गांव की कुंवर बाई ने बकरी बेचकर शौचालय का निर्माण कराया था।
नई दुनिया, रायपुर। छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दखल बढ़ाने में जुटी समाजवादी पार्टी यहां पिछड़ा वर्ग को लामबंद करने में लगी है। चुनाव नजदीक आते ही समाजवादी पार्टी ने पिछड़ा वर्ग के वोटरों को साधने के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को बकरी बेचकर शौचालय बनवाने वाली कुंवर बाई की याद आई है। सपा सुप्रीमो ने कुंवर बाई के परिजनों को एक लाख का चेक भेजा है। समाजवादी पार्टी की इस कवायद को पिछड़ा वर्ग के वोटों को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
धमतरी स्थित कोटाभर्री गांव की कुंवर बाई ने बकरी बेचकर शौचालय का निर्माण कराया था। सौ साल की कुंवर बाई ने इसके बाद अपने गांव में लोगों को घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया। इस उम्र में स्वच्छता को बढ़ावा देने के उनके प्रयास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था। राजनांदगांव जिले में अर्बन मिशन की शुरुआत करने पहुंचे प्रधानमंत्री ने कुंवर बाई को मंच पर बुलाकर उनके पैर छुए। प्रधानमंत्री की यह तस्वीर दुनिया भर में चर्चित हुई थी और इसके बाद कुंवर बाई स्वच्छता आइकन बन गई। अब कुंवर बाई का निधन हो गया है, लेकिन समाजवादी पार्टी चुनाव में कुंवर बाई के नाम को भुनाने के प्रयास में जुट गई है।
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बताया कि अखिलेश यादव कुंवर बाई से मिलना चाहते थे, लेकिन जब उन्हें पता चला कि कुंवर बाई की मौत हो गई है तो उन्होंने उनके परिजनों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया। रविवार को सपा के प्रमुख महासचिव नवीन गुप्ता, धमतरी जिला अध्यक्ष सादिक हुसैन व प्रदेश सचिव राधे किशन पटेल के नेतृत्व में पार्टी के नेता कुंवर बाई के घर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। 24 अगस्त को छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी तिलक यादव और अन्य नेता कुंवर बाई के घर जाएंगे और परिजनों को एक लाख रुपये का चेक सौंपेंगे।
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