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मुहूर्त के इंतजार में जोखिम में पड़ी जच्चा-बच्चा की जान, भटकने के बाद गूंजी किलकारी

महिला रोग विशेषज्ञ शैला जैकब आगे आई और पूरी टीम के साथ पीपीई किट पहनकर आपरेशन किया। जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं तथा मेडिकल टीम अब क्वारंटाइन हो गई है। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद रिश्तेदारों ने शहर के निजी कोविड अस्पतालों में संपर्क किया लेकिन वहां मना कर दिया गया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2020 08:39 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2020 08:39 PM (IST)
मुहूर्त के इंतजार में जोखिम में पड़ी जच्चा-बच्चा की जान, भटकने के बाद गूंजी किलकारी
जच्चा-बच्चा की जान पर बन आई तो परिजन फिर भिलाई स्टील प्लांट के सेक्टर-9 अस्पताल लौटे।

भिलाई, जेएनएन। मुहूर्त के इंतजार में एक गर्भवती की जान पर बन आई और ग्रहों के चक्कर में परिजन अस्पतालों के चक्कर लगाते रह गए। पहले जब डॉक्टरों ने आपरेशन के लिए कहा तो महिला ने अनुरोध करके एक सप्ताह का समय मांग लिया। सहानुभूति दिखाए जाने पर वह एक सप्ताह बाद ऑपरेशन कराने पहुंचीं तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई। उसके बाद कोविड अस्पताल भी चुनौतीपूर्ण आपरेशन से पीछे हटने लगे। मुहूर्त निकल गया और परिजन भिलाई से रायपुर तक की दौड़ लगाते रह गए। जच्चा-बच्चा की जान पर बन आई तो परिजन फिर भिलाई स्टील प्लांट के सेक्टर-9 अस्पताल लौटे।

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महिला रोग विशेषज्ञ शैला जैकब आगे आई और पूरी टीम के साथ पीपीई किट पहनकर आपरेशन किया। जच्चा-बच्चा सुरक्षित हैं तथा मेडिकल टीम अब क्वारंटाइन हो गई है। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद रिश्तेदारों ने शहर के निजी कोविड अस्पतालों में संपर्क किया, लेकिन वहां मना कर दिया गया।

रायपुर के अंबेडकर अस्पताल और एम्स से संपर्क किया गया लेकिन वहां सभी बेड भरे हुए थे। ऑपरेशन के बाद दुर्ग जिले के रानीतराई निवासी 30 वर्षीय प्रसूता और उनका लड़का स्वस्थ्य हैं। वार्ड में अकेली कोरोना मरीज को रखकर लगातार चार दिनों तक निगरानी की गई। मूल नक्षत्र से बचाने में फंसे परिजन पहले मामले को बताने से बचते रहे।

मूल नक्षत्र की वजह से ऑपरेशन को बढ़ाया गया

पहचान नहीं उजागर किए जाने का भरोसा मिलने पर बताया कि 14-15 सितंबर तक ऑपरेशन करने की तैयारी थी, लेकिन मूल नक्षत्र की वजह से इसको बढ़ाया गया। फिर तबीयत भी ठीक नहीं थी। 21 सितंबर को जब दोबारा टेस्ट हुआ तो कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद सुरक्षित प्रसव के लिए सेक्टर-9 अस्पताल ने कोविड सेंटर में आपरेशन कराने की सलाह दी लेकिन कोई चुनौती स्वीकारने को तैयार नहीं था। 22 सितंबर को सेक्टर-9 अस्पताल में ही ऑपरेशन किया गया। आइसोलेशन की अवधि पूरी हो गई है।

एकबात साफ हो गई कि डॉक्टर की सलाह समय से मान लिया जाना ही बेहतर होता। भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसंपर्क महाप्रबंधक जैकब कुरियन ने कहा कि मुहूर्त की वजह से ऑपरेशन में लेकर खासी परेशानी झेलनी पड़ी। डॉक्टर और मेडिकल टीम ने पूरी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई।


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