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Bengaluru Violence: इस्लामिक चरमपंथी संगठन एसडीपीआइ की भूमिका, चार लोग गिरफ्तार, यूपी की तर्ज पर दंगाइयों से होगी वसूली

कर्नाटक के गृह मंत्री बोम्मई ने बताया एसडीपीआइ से जुड़े कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। एसडीपीआइ का जिला सचिव मुजम्मिल पाशा इनमें मुख्य है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:32 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 08:32 PM (IST)
Bengaluru Violence:  इस्लामिक चरमपंथी संगठन एसडीपीआइ की भूमिका, चार लोग गिरफ्तार, यूपी की तर्ज पर दंगाइयों से होगी वसूली
Bengaluru Violence: इस्लामिक चरमपंथी संगठन एसडीपीआइ की भूमिका, चार लोग गिरफ्तार, यूपी की तर्ज पर दंगाइयों से होगी वसूली

बेंगलुरु, प्रेट्र। बेंगलुरु में कथित आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के कारण भड़की हिंसा में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) की भूमिका सामने आ रही है। एसडीपीआइ से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच चल रही है। राज्य के गृह मंत्री बसवाराज बोम्मई ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एसडीपीआइ इस्लामिक चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की राजनीतिक शाखा है। 

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दंगाइयों ने विधायक का घर जलाया

पुलकेशी नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन की फेसबुक पोस्ट को लेकर मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात क्षेत्र में जबर्दस्त हिंसा भड़क गई थी। समुदाय विशेष के लोगों ने जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की थी। दंगाइयों ने विधायक श्रीनिवास का घर जला दिया था। डीजे हल्ली पुलिसथाने को भी निशाना बनाया गया था। हिंसा में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे।

जानकारियों और वीडियो फुटेज से इस हिंसा में एसडीपीआइ की भूमिका

मंत्री बोम्मई ने कहा, 'केजी हल्ली और डीजे हल्ली इलाके दो दिन पहले पूरी तरह शांत थे। वहां घटना की कोई सुगबुगाहट नहीं थी। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नई जानकारियां सामने आ रही हैं। मैं अभी आपसे सब कुछ नहीं बता सकता हूं लेकिन अगले कुछ दिनों में जानकारी साझा करूंगा।' पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक मिली जानकारियों और वीडियो फुटेज से इस हिंसा में एसडीपीआइ की भूमिका सामने आ रही है। मंत्री ने बताया, 'एसडीपीआइ से जुड़े कुछ लोग गिरफ्तार भी किए गए हैं। एसडीपीआइ का जिला सचिव मुजम्मिल पाशा इनमें मुख्य है। इसके अलावा फिरोज, अफरज पाशा और शेख आदिल भी एसडीपीआइ से जुड़े हैं। इन्हें गिरफ्तार कर भूमिकाओं की जांच की जा रही है।' 

राज्य के गृह मंत्री ने कहा, मामले की तह तक जाकर की जाएगी जांच

उन्होंने बताया कि कुछ वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि केजी हल्ली और डीजे हल्ली के आसपास के इलाके से एसडीपीआइ के कुछ सदस्य हिंसा वाली जगहों की ओर आ रहे थे। जांच में देखा जाएगा कि इस हिंसा के पीछे कौन है और इस तरह की पुरानी घटनाओं से इसका क्या संबंध है। बोम्मई ने कहा, 'हम गहराई तक जाएंगे और तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक साजिश का पर्दाफाश नहीं हो जाता।' 

यूपी की तर्ज पर दंगाइयों से होगी वसूली 

अधिकारी मैसुरु, मंगलुरु और अन्य जगहों पर एसडीपीआइ के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी जुटा रहे हैं। इसमें राजनीतिक दल के भीतर या राजनीतिक दलों के बीच की लड़ाई व अन्य सभी पहलुओं को भी ध्यान में रखा जा रहा है। मंत्री ने कहा, 'घटना के हर कारण की जांच होगी। दोषी चाहे कोई चुना हुआ जन प्रतिनिधि ही क्यों न हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मैं लोगों से अपील करता हूं कि डरें नहीं और शांति व्यवस्था बनाए रखने में मदद करें।' राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दंगाइयों से वसूली का फैसला भी किया है।

दर्ज हुई पांच एफआइआर

हिंसा के मामले में पुलिस ने पांच एफआइआर दर्ज की है। दो एफआइआर डीजे हल्ली थाने में और तीन केजी हल्ली थाने में दर्ज की गई हैं। एफआइआर में मुजम्मिल पाशा के अलावा अफनान, सैयद मसूद, अयाज और अल्लाबक्श के नाम हैं। 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआइआर की गई है। मामले में अब तक करीब 140 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दंगाइयों को नियंत्रित करने की कोशिश में पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।


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