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डिजिटल पेमेंट की सुविधाओं में आ रहा सुधार, अब आफलाइन होने पर भी फोन से होगा भुगतान

आरबीआइ ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है जिससे आफलाइन होने के बावजूद मोबाइल फोन से खरीद बिक्री में भुगतान हो सकेगा।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 09:38 PM (IST)
डिजिटल पेमेंट की सुविधाओं में आ रहा सुधार, अब आफलाइन होने पर भी फोन से होगा भुगतान
डिजिटल पेमेंट की सुविधाओं में आ रहा सुधार, अब आफलाइन होने पर भी फोन से होगा भुगतान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में डिजिटल पेमेंट की सुविधा में तो तेजी से सुधार हो रहा है इसके इस्तेमाल में एक बड़ी समस्या यह आ रही है देश की अधिकांश जनता के पास अभी भी इंटरनेट सुविधा वाला मोबाइल फोन नहीं है। अब आरबीआइ ऐसी व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है जिससे आफलाइन होने के बावजूद मोबाइल फोन से खरीद बिक्री में भुगतान हो सकेगा। यह सुविधा आरबीआई दो वर्षो के भीतर लागू कर देगा। इस बात की जानकारी केंद्रीय बैंक ने अगले दो वर्षो (वर्ष 2019-2021) के दौरान देश की पेमेंट व सेटेलमेंट सिस्टम पर जारी रिपोर्ट में दी है। इस रिपोर्ट में बैंक यह बताता है कि अगले दो वर्षो के दौरान देश में वित्तीय लेन-देन को लेकर वह क्या क्या कदम उठाने वाला है।

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इसके अलावा फीचर फोन के जरिए भुगतान को भी बढ़ावा देने की बात केंद्रीय बैंक ने कही है। आरबीआइ के मुताबिक फरवरी, 2019 तक देश में 118.4 करोड़ मोबाइल कनेक्शन है। इसमें 53.2 करोड़ इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में फीचर फोन और आफलाइन होने पर भुगतान की व्यवस्था की जरुरत ज्यादा महसूस की जा रही है। इसके लिए आरबीआइ निजी क्षेत्र के साथ मिल कर काम करेगा। केंद्रीय बैंक ने बताया है कि डिजिटल भुगतान को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए यह जरुरी है।

आरबीआइ यह भी मानता है कि अगले दो वर्ष डिजिटल भुगतान में सबसे ज्यादा तेजी देखेगा। अभी जीडीपी का 15 फीसद डिजिटल भुगतान के जरिए होता है। दिसंबर, 2018 के महीने में देश में कुल 2069 करोड़ लेन देन हुए थे जो दिसंबर, 2021 तक बढ़ कर 8,707 करोड़ हो जाएगा। यानी तकरीबन चार गुना की बढ़ोतरी। इस वृद्धि को देखते हुए ही केंद्रीय बैंक ने अगले दो वर्षो के भीतर ग्राहकों की सेवा की गुणवत्ता को बेहतर करने को लेकर भी कई उपाय करने का फैसला किया है।

आगामी दो वर्षो में डिजिटल भुगतान से जुड़ी कंपनियों के नियमन को लेकर भी कई स्तरों पर उपाय किये जाएंगे। आरबीआइ का कहना है कि इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों के सहयोग से एक ऐसी नियामक एजेंसी का गठन किया जाएगा जिसके संचालन की जिम्मेदारी इन कंपनियों की ही होगी। इसके अलावा ग्राहकों की शिकायतों के समाधान के लिए डिजिटल भुगतान से जुड़ी सभी कंपनियों की तरफ से मिल कर एक संयुक्त कस्टमर केयर सेंटर शुरु करवाने के लिए आरबीआइ निर्देश देने वाला है।

इस रिपोर्ट से इस बात का पता चलता है कि देश में अभी भी डेबिट कार्ड का इस्तेमाल आम तौर पर एटीएम से नकदी निकालने के लिए हो रहा है लेकिन सीधे तौर पर इससे भुगताने की आदत भारतीय ग्राहकों में पड़ने लगी है। मसलन, तीन वर्ष पहले 20 फीसद लोग ही डेबिट कार्ड का इस्तेमाल खरीद फरोख्त के लिए करते थे लेकिन अगले दो वर्षो में यह बढ़ कर 44 फीसद होने की संभावना जताई गई है। तब तक देश में 50 लाख दुकानों पर एटीएम कार्ड को स्वीकार किया जाने लगेगा।

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