विशाखापत्तनम जासूसी मामले में अहम साजिशकर्ता गिरफ्तार, ISI को सूचनाएं लीक करने का आरोप
कराची की कई यात्राएं कर चुका है मुंबई का हारून लकड़ावाला। इस मामले में एनआइए अब तक 14 लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विशाखापत्तनम जासूसी मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार को एक अहम साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को महत्वपूर्ण सूचनाएं लीक करने का आरोप है।
एनआइए के एक अधिकारी के अनुसार इस मामले में जांच एजेंसी ने मुंबई निवासी मुहम्मद हारुन हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को गिरफ्तार किया। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने गत 20 दिसंबर को पाकिस्तान को सूचनाएं मुहैया कराने के लिए नौसेना के सात कर्मचारियों और एक हवाला कारोबारी को गिरफ्तार किया था। एनआइए ने तभी से यह मामला अपने हाथ में ले लिया था। लकड़ावाला की गिरफ्तारी से इस मामले में अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें नौसेना के 11 कर्मचारी और एक पाकिस्तान में जन्मी भारतीय नागरिक शाइस्ता कैसर है।
जांच में यह सामने आया है कि लकड़ावाला व्यापारिक यात्राओं की आड़ में अपने आकाओं (हैंडलर्स) से मिलने कई बार कराची गया। इन यात्राओं के दौरान वह दो पाकिस्तानी जासूसों अकबर उर्फ अली और रिजवान के संपर्क में आया। उन दोनों ने हारून को नौसेना के कर्मचारियों के खाते में नियमित अंतराल पर पैसे डालने का काम सौंपा। एजेंसी के अधिकारी के अनुसार लकड़ावाला के घर के तलाशी में कई आपत्तिजनक उपकरण और दस्तावेज मिले हैं।
अधिकारी ने बताया कि विशाखापत्नम जासूसी रैकेट, एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान में बैठे लोग और भारत के कई हिस्सों में काम कर रहे लोग शामिल हैं। पाकिस्तान में बैठे जासूस भारत में एजेंट बनाते हैं और उनसे भारतीय नौसेना के अड्डों और जहाजों आदि की स्थिति और उनके रूट की संवेदनशील जानकारियां हासिल करते हैं। जांच में पाया गया कि भारतीय नौसेना के कई कर्मचारी सोशल मीडिया के माध्यम वाट्सएप और फेसबुक से पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में आ गए थे। बाद में आर्थिक लाभ के बदले महत्वपूर्ण सूचनाएं देने लगे। इन कर्मचारियों के खातों में ऐसे लोगों के जरिए धन पहुंचाया गया जो थे तो भारत के मगर उनका कारोबार पाकिस्तान से हो रहा था।