आम बजट पर दिखेगा गुजरात चुनाव परिणाम का असर
किसानों के हितों को लेकर ज्यादा दिखेगा सरोकार, ग्रामीण क्षेत्र में मजबूत पकड़ के लिए होगी कोशिश
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : आम बजट 2018 पर गुजरात चुनाव परिणाम का असर पड़ना तय है। वैसे तो वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी टीम बजट 2018 की तैयारियों में पहले से ही जुटी हुई थी और मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होने की वजह से इसके लोक-लुभावन होने के कयास लगाये जा रहे थे। लेकिन गुजरात चुनाव में जिस तरह से ग्रामीण इलाकों में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर हुआ है उसे देखते हुए सरकार इस बजट के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा धन मुहैया कराने का कदम उठा सकती है। इसके साथ ही किसानों के हितों को लेकर भी कुछ अहम कदमों को शामिल किया जा सकता है।
एक दिन पहले ही बजटीय अनुदान की अनुपूरक मांग में केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए अतिरिक्त 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर अपनी मंशा भी बता दी है। दरअसल, सिर्फ गुजरात चुनाव ही नहीं बल्कि उसके पहले उत्तर प्रदेश में हुए नगर पंचायत चुनावों से भी भाजपा को कुछ ऐसे संकेत मिले हैं कि वह अब ग्रामीण व किसानों के मुद्दों को लेकर और सक्रिय होगी। गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार कांग्रेस ने बाजी मार ली है। उत्तर प्रदेश के नगर पंचायत चुनाव में भी भाजपा ने इस बार अपना प्रदर्शन तो बढ़ाया लेकिन सपा का प्रभुत्व बरकरार रहा। हालांकि नगर निगम यानी शहरी क्षेत्र में भाजपा का दबदबा रहा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में पिछले दिनों देश के किसानों के साथ हुई बजट पूर्व बैठक में उच्च स्तर पर यह संकेत दिया गया था कि इस बार बजट किसानों की आय को दोगुनी करने को लेकर काफी संवेदनशील रहेगा। राजग सरकार ने दो वर्ष पहले यह घोषणा की थी कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जाएगा। किसानों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए कांग्रेस इस मुद्दे को अगले आम चुनाव में जोर शोर से उठाने की तैयारी में है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान ही संकेत दे चुके हैं। माना जा रहा है कि बजट हर खेत को पानी पहुंचाने और फसल बीमा योजना के तहत कवरेज बढ़ाने की नीति में बड़े बदलाव का रास्ता साफ करेगा। फसल बीमा योजना के तहत दी गई 8800 करोड़ रुपये की राशि में भारी बढ़ोतरी किये जाने के भी आसार है। इस बारे में हाल ही में वित्त मंत्रालय और कृषि मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक हुई है।
सरकार की तरफ से अगला कदम राज्यों के मंडी कानून में संशोधन का होगा। भाजपा और राजग की अब देश के 19 राज्यों में सरकार है और केंद्र के लिए इसे लागू कराना आसान होगा। अभी तक अलग अलग दलों की सरकार होने की वजह से इस बारे में सहमति नहीं बन पा रही थी।