Move to Jagran APP

NMC बिल के विरोध में डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल, ओपीडी बंद, मरीजों के लिए मुसीबत

बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 08:12 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 12:54 PM (IST)
NMC बिल के विरोध में डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल, ओपीडी बंद, मरीजों के लिए मुसीबत
NMC बिल के विरोध में डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल, ओपीडी बंद, मरीजों के लिए मुसीबत

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा में पास हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Council Bill) विधेयक 2019 के खिलाफ देशभर के डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। सुबह 6 बजे से शुरू हुई हड़ता गुरुवार सुबह 6 बजे तक जारी रहेगी।  देशभर में इस हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है। हड़ताल की वजह से ज्यादातर अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद हैं।

loksabha election banner

देशव्यापी हड़ताल में लगभग 3 लाख डॉक्टर शामिल हैं। ऐसे में हड़ताल के कारण मरीजों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। आईएमए ने कहा कि हड़ताल के दौरान डॉक्टर ओपीडी सेवाएं नहीं देंगे, जबकि हर तरह की इमर्जेंसी सेवाएं जारी रहेंगी।

यूपी में हड़ताल से मरीज परेशान
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की अपील पर मेरठ समेत प्रदेश के सभी शहरों में चिकित्सक हड़ताल पर हैं। हड़ताल की वजह से मरीजों को कफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल में रेडियोलोजी, पैथोलोजी समेत अन्य वर्ग भी शामिल हैं। डॉक्टरों के मुताबिक नए बिल के मुताबिक होमियोपैथिक व आयुर्वेदिक चिकित्सक भी अंग्रेजी दवा दे सकेंगे, जिससे झोलाछाप कल्चर बढ़ेगी। ये आम गरीब की जान से खिलवाड़ होगा।

उत्तराखंड में डॉक्टरों का प्रदर्शन
आइएमए प्रदेश एवं स्थानीय शाखाओं के तहत चिकित्सकों ने हड़ताल के दौरान प्रदर्शन भी किया। आइएमए उत्तराखंड के महासचिव डॉ. डीडी चौधरी ने इस बिल को जन विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल चिकित्सा शिक्षा के मानकों में, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी गिरावट आएगी।

बिहार में सरकारी-निजी अस्पतालों में काम बंद
हड़ताल की वजह से राज्‍य के बड़े अस्‍पतालों में मरीज अधिक परेशान हैं। ऐसे में दूर दराज से आए मरीजों को अस्पताल से वापस लौटना पड़ रहा है। पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, न्यू गार्डिनर और राजवंशी नगर हॉस्पिटल की इमरजेंसी में मरीज देखे जा रहे हैं। वहीं आइजीआइएमएस की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है।

पंजाब में मरीजों को परेशानी
जालंधर में निजी अस्पतालों के अलावा सिविल अस्पताल में भी ओपीडी बंद है, जिसकी वजह से मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग ड़ॉक्टरों का इंतजार करते दिखे पर ओपीडी पर ताला जड़ा हुआ है। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं खुली हुई हैं।

एसोसिएशन ने कहा है कि ये हड़ताल सरकार को बिल की खामियों के बारे में बताने के लिए किया जा रहा है। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने बताया कि एनएमसी विधेयक को लेकर हम लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछली बार जब सदन में विधेयक पेश हुआ था तब आईएमए के विरोध पर सरकार ने संशोधन का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में सरकार ने उन्हीं नियमों को लागू कर दिया। इस बिल से अब नीम हकीम भी डॉक्टर बन जाएंगे।

क्या है एनएमसी बिल

अब तक मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी थी, लेकिन बिल पास होने के बाद एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगा। बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को लाइसेंस देकर सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जा रहा है, जिसका डॉक्टर विरोध कर रहे हैं।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.