आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति देने के विरोध में आईएमए ने पहली फरवरी से देशव्यापी भूख हड़ताल की घोषणा की
भारतीय चिकित्सा संघ यानी आईएमए (Indian Medical Association IMA) ने स्नातकोत्तर डिग्रीधारक आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति देने से संबंधित सरकार की अधिसूचना के खिलाफ पहली फरवरी से आर पार की लड़ाई का एलान किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय चिकित्सा संघ यानी आईएमए (Indian Medical Association, IMA) ने स्नातकोत्तर डिग्रीधारक आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी की अनुमति देने से संबंधित सरकार की अधिसूचना के खिलाफ निर्णायक जंग का एलान किया है। आईएमए गुरुवार को केंद्रीय भारतीय औषधि परिषद (Central Council of Indian Medicine, CCIM) की ओर से जारी अधिसूचना के विरोध में एक फरवरी से डॉक्टरों की अखिल भारतीय भूख हड़ताल की घोषणा की।
केंद्रीय भारतीय औषधि परिषद (Central Council of Indian Medicine, CCIM) की ओर से जारी अधिसूचना में स्नातकोत्तर डिग्रीधारी आयुर्वेद चिकित्सकों को सामान्य सर्जरी करने की इजाजत देने की बात कही गई है। भारतीय चिकित्सा संघ यानी आईएमए का कहना है कि सरकार की ओर से जारी ऐसा आदेश मिक्सोपैथी (mixopathy) को जन्म देगा। आईएमए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वह हेल्थकेयर इंडिया बचाओ आंदोलन लॉन्च करने के लिए देश भर में निर्देश जारी कर रहा है।
आइएमए का कहना है कि इस अभियान के तहत वह देशभर में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाएगा क्योंकि उक्त आदेश लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करने वाला है। बयान में यह भी कहा गया है कि उसके सदस्य डॉक्टर पहली फरवरी से 24 घंटे पूरे हफ्ते भूख हड़ताल पर बैठेंगे। आईएमए इस आंदोलन के लिए पोस्टर और बैनर भी जारी करेगा। यही नहीं उसके सदस्य सांसदों और विधायकों को भी उक्त अधिसूचना के मसले पर जागरूक करेंगे।
भारतीय चिकित्सा संघ यानी आईएमए पहले भी इस मसले पर धरना प्रदर्शन आयोजित करता रहा है। बीते आठ दिसंबर को आईएमए के बैनर तले डॉक्टरों ने देशभर में प्रदर्शन किया था। आईएमए के सदस्यों का कहना है कि इस कदम से अव्यवस्था फैल जाएगी। आईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजन शर्मा समेत संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने सरकार से उक्त फैसले को वापस लेने की मांग की थी। यहीं नहीं 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में हजारों निजी चिकित्सकों ने अपना कामकाज ठप कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि परास्नातक आयुर्वेद सर्जरी की प्रक्रिया के तहत 58 ऑपरेशन को सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआइएम) की ओर से मंजूरी दी गई है। पिछले महीने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने आयुर्वेद के चिकित्सकों को केंद्र सरकार की ओर से सामान्य सर्जरी का प्रशिक्षण दिए जाने की अनुमति देने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था। आइएमए ने अपनी याचिका में कहा था कि परिषद के पास आधुनिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने का अधिकार नहीं है।