आइआइटी प्रवेश नियमों में बड़ा बदलाव, नहीं रहेगी 12वीं में 75 फीसद अंकों की अनिवार्यता
इस साल आइआइटी प्रवेश नियमों में बदलाव की सिफारिश को सरकार ने दी मंजूरी। अब सिर्फ जेईई एडवांस और 12वीं पास के आधार पर ही मिलेगा प्रवेश।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना वायरस महामारी के चलते सरकार ने आइआइटी में प्रवेश के नियमों में सत्र 2020-21 के लिए बड़े बदलाव को मंजूरी दी है। इसके तहत छात्रों को आइआइटी में प्रवेश के लिए अब 12वीं में 75 फीसद अंकों या फिर टॉप-20 परसेंटाइल जैसे मापदंडों की बाध्यता नहीं रहेगी। उन्हें अब जेईई एडवांस की मेरिट के आधार पर ही सीधे प्रवेश मिलेगा। हालांकि, उन्हें 12वीं पास होना जरूरी होगा।
आइआइटी के प्रवेश नियमों में बदलाव का यह फैसला हाल ही में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर हुई एक ज्वाइंट इंप्लिमेंटेशन कमेटी (जेआइसी) की बैठक में लिया गया। इसमें सभी आइआइटी के प्रमुख भी मौजूद थे। इस दौरान कमेटी का कहना था कि कोरोना के चलते सीबीएसई सहित कई और बोर्डो की परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं। वहीं, छात्रों को इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया गया है। ऐसे में प्रवेश नियमों में 12वीं में 75 फीसद जैसे मानकों की कोई जरूरत नहीं है। छात्रों को सीधे जेईई एडवांस के आधार पर ही प्रवेश दिया जाए। कमेटी ने सहमति के बाद यह प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी भेजा था।
इस बीच, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार देर रात आइआइटी के प्रवेश नियमों में बदलाव के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। साथ ही ट्वीट कर इसकी जानकारी भी साझा की। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से छात्रों को राहत मिलेगी। वैसे भी इस बार 12वीं की कई बोर्ड की परीक्षाओं के न हो पाने से प्रतिभाशाली छात्र निराश हैं, क्योंकि उन्हें बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी।
हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे छात्रों को आने वाले दिनों में परीक्षा का एक मौका दिया जाएगा, जिससे वह अपने प्रदर्शन को बेहतर कर सकेंगे। बता दें कि इस साल कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक जेईई मेंस और जेईई एडवांस की परीक्षाएं भी नहीं हो पाई हैं। जेईई मेंस की परीक्षाएं फिलहाल एक से छह सितंबर के बीच प्रस्तावित है, जबकि जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को प्रस्तावित है।