Move to Jagran APP

IIT छात्रों ने बनाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली शीट, बीमारी से पहले आपको करेगी सतर्क...

यह डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजन द्वारा संचालित होता है जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य का विश्लेषण करता है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 06:01 PM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 06:01 PM (IST)
IIT छात्रों ने बनाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली शीट, बीमारी से पहले आपको करेगी सतर्क...
IIT छात्रों ने बनाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली शीट, बीमारी से पहले आपको करेगी सतर्क...

नई दिल्ली, पीटीआइ। आईआईटी (Indian Institutes of Technology) के स्नातकों की एक टीम ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) से संचालित सेंसर शीट विकसित की है। सोते समय इस शीट को गद्दे के नीचे रखने से हृद्य का स्वास्थ्य, नींद और तनाव जैसे संकेतकों का पता लगाया जा सकता है।

loksabha election banner

यह उपकरण बैलिस्टो कार्डियो ग्राफी (Ballisto cardio graphy) नामक एक तकनीक पर काम करता है, जो हृदय की गति नापने का काम करती है। इसके अलावा बीसीजी को श्वास और खर्राटों को मापने के लिए भी बढ़ाया जा सकता है। यह डिवाइस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजन द्वारा संचालित होता है, जो किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य का विश्लेषण करता है, ताकि स्वास्थ्य बिगड़ने के किसी भी शुरुआती लक्षण का पता लगाया जा सके।

98.4 प्रतिशत सटीकता

आइआइटी बॉम्बे के पूर्व छात्र मुदित दंडवते ने पीटीआइ से कहा कि हमारे एडवांस एल्गोरिदम को अरबों डेटा बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया है। यह 98.4 प्रतिशत सटीकता के साथ हृदय की धड़कन और श्वसन को मापने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह डिवाइस एक स्वास्थ्य मॉनिटर और व्यक्तिगत स्वास्थ्य साथी की तरह है। यह एक पतला सेंसर शीट है, जिसे गद्दे के नीचे रखा जाता है। ये हृदय स्वास्थ्य, श्वसन, नींद और तनाव को मेडिकल ग्रेड की सटीकता के साथ ट्रैक करती है।

स्वास्थ्य खराब होने से पहले जानकारी

आइआइटी इंदौर के एक पूर्व छात्र और सह-संस्थापक गौरव परचानी ने पीटीआई को बताया कि यह उपकरण सफलतापूर्वक स्वास्थय खराब होने की जानकारी पहले ही देने में सक्षम है। ये बुखार से लेकर हृदय की गति रुकने तक की जानकारी पहले ही लगा सकता है।

सूक्ष्म कंपन को भी पकड़ने में सक्षम

टीम ने बताया कि इस शीट में माइक्रो इलेक्ट्रोमकैनिकल सिस्टम (Micro-Electromechanical System) आधारित वाइब्रो-ध्वनिक सेंसर लगे होते हैं। डोज़ी सेंसर शीट जब उपयोगकर्ता के गद्दे के नीचे रखी जाती है, तो ये हृद्य के द्वारा रक्त पंप करने पर शरीर में हो रही सूक्ष्म-कंपन को पकड़ता है। इसके अलावा ये सांस लेना, सांस छोड़ना, मांसपेशियों में खिचने, शरीर में होने वाली छोटी-छोटी हरकतों का पता लगाता है।

मोबाइल ऐप द्वारा उपयोगकर्ताओं को जानकारी

टीम के मुताबिक इन संकेतों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अलोग्रिथम द्वारा बायोमार्कर में परिवर्तित किया जाता है। इसके बाद जानकारी को क्लाउड सर्वर द्वारा उपयोगकर्ताओं के अनुसार उनकी देखभाल करने वाले लोगों और डॉक्टरों को मोबाइल फोन ऐप और वेब-ऐप के जरिए पहुंचा दिया जाता है।

डिवाइस को चार्ज करने की आवश्यकता नहीं

परचनी ने कहा कि डोजी (Dozee) 18 इंच की मोटाई वाले सभी प्रकार के गद्दों पर काम कर सकता है। अन्य फिटनेस ट्रैकर्स या हेल्थ मॉनिटर के विपरीत डोज़ी उपयोगकर्ताओं को नैदानिक ​​परिशुद्धता के साथ स्वास्थ्य मापदंडों को मापने की अनुमति देता है। अन्य चिकित्सा उपकरणों की तुलना में डिवाइस को चार्ज करने की आवश्यकता नहीं है और यह दूसरे स्वास्थ्य उपकरण के मुकाबले सस्ता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.