Fight Against Coronavirus : लॉकडाउन में फंसे लोगों की मदद करेगा IIT-IIM छात्रों का 'सहयोग'
आइआइटी एनआइटी और आइआइएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों ने लॉकडाउन में फंसे लोगों के सहयोग की पहल की है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में चल लॉकडाउन के कारण काफी लोग जहां-तहां फंस गए हैं। अब आइआइटी, एनआइटी और आइआइएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों ने लॉकडाउन में फंसे लोगों के 'सहयोग' की पहल की है। छात्रों ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर की स्थापना के साथ-साथ 'सहयोग' नाम से मोबाइल एप को भी लॉन्च किया है। इन दोनों माध्यमों से छात्र लोगों की जरूरतों के बारे में सूचनाएं जुटाएंगे और सत्यापन के बाद एनजीओ के जरिये जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाएंगे।
'सहयोग' नामक 700 छात्रों के इस स्वयंसेवी समूह का मानना है कि कई गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और सरकारी एजेंसियां लोगों की मदद करना चाहती हैं, लेकिन उन तक जरूरतमंद लोगों की सूचनाएं ही नहीं पहुंच पा रही हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) गुवाहाटी के पीएचडी छात्र विक्रांत सिंह के अनुसार, 'लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से जब बड़ी संख्या में लोग पैदल ही अपने गांव लौटने लगे तो कई एनजीओ और सरकारी एजेंसियों ने उन तक आवश्यक सामग्री पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन सटीक सूचना का अभाव बाधा साबित हुआ। विक्रांत ने कहा, 'हमने देशभर में फैले अलग-अलग 40 एनजीओ से समझौता किया है। अभी हमारी प्राथमिकता में घरों को लौट रहे लोग और बुजुर्ग हैं। हम ऐसे जरूरतमंद लोगों तक खाना, पीने का पानी, मास्क, साबुन, सैनिटाइजर, कपड़े और दवा आदि पहुंचा रहे हैं।'
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) बेंगलुरु के छात्र गौरव सिंह ने बताया कि इस सेवा की शुरुआत तीन दिनों पहले ही की गई है। फिलहाल, इसकी उपलब्धता उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में है, जहां 50 समूह सक्रिय हैं। हम साझेदार एनजीओ के सहयोग से देशभर में फंसे लोगों की मदद की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि देश में लॉकडाउन के बाद कई सड़कों पर कई हृदयविदारक दृश्य दिखने को मिले थे। इनमें कोई भूखा ही मीलों पैदल चल रहा है, तो कोई पानी को तरस रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने ऐसे लोगों की मदद करने की अपील देशवासियों से की थी, इसके बाद काफी लोग मदद के लिए आगे आए हैं।