आइआइटी और एम्स के पूर्व छात्रों ने कोरोना की रोकथाम के लिए बनाया यंत्र, जानें कैसे करता है काम
आइआइटी और एम्स के पूर्व छात्रों ने कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए एक यंत्र बनाया है। यह यंत्र सड़कों पर चलते हुए शहर को संक्रमण मुक्त करता चलेगा।
नई दिल्ली, आइएएनएस। आइआइटी और एम्स के पूर्व छात्रों देबयान साहा और शशि रंजन ने कोरोना वायरस के खिलाफ 'एयरलेन्स माइनस कोरोना' नाम से एक यंत्र बनाया है। यह सड़कों पर चलते हुए शहर को संक्रमण मुक्त करता चलेगा। यह अस्पताल, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जाएगा और उसकी सतह को संक्रमण मुक्त कर देगा, जहां से कोरोना का प्रसार हो सकता है। इन दोनों के अनुसार, कोरोना वायरस को मारने के लिए पानी की बूंदों में बिजली का प्रवाह किया जाता है। उन्होंने चार्ज या आयनित पानी की बूंदों का उपयोग करके कोरोना वायरस को मारने का एक नया तरीका ईजाद किया। कोरोना डिस्चार्ज का उपयोग करके पानी की बूंदों को आयनित किया जा सकता है।
ऐसे आयनित पानी की बूंदें प्रोटीन के ऑक्सीकरण के जरिये गैर हानिकारक अणु बनने में मदद कर सकती हैं। ऑक्सीकरण सबसे शक्तिशाली रोगाणुरोधी उपायों में से एक है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक पूरे शहर को संक्रमण मुक्त कर सकती है। उन्होंने बताया कि कई उपाय ऐसे हैं, जिनके जरिये वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है। अल्कोहल उनमें से एक है। अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर किसी व्यक्ति को या छोटे पैमाने पर सतहों को संक्रमण मुक्त करने में कारगर है। लेकिन, पूरे शहर को संक्रमण मुक्त करने में यह अक्षम है।
उल्लेखनीय है कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के 242 मामले सामने आए हैं। यही नहीं पीड़ितों में 32 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, इन मरीजों के संपर्क में आने वाले 6700 लोगों की मॉनिटरिंग की जा रही है। कोरोना वायरस से पीड़ित चार लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में आज 12 नए मामलों की पुष्टि हुई है। केरल में अब तक 40 कोरोना के मामले सामने आए है। राजस्थान के भीलवाड़ा में 6 लोग कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। सभी को आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में दो और हरियाणा के फरीदाबाद में एक कोरोना वायरस का मामला सामने आया है।