नई बुलंदियों पर पहुंचने के लिए आइआइएम में गुणात्मक सुधार को लेकर बनी सहमति
आने वाले सालों में भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) को नई बुलंदियों पर देखेंगे। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आने वाले सालों में भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) को नई बुलंदियों पर देखेंगे। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सभी आइआइएम से एक त्रिस्तरीय योजना तैयार करने को कहा है। इनमें 15 साल का एक विजन प्लान भी होगा। इसके साथ ही डिग्री विवाद पर मंत्रालय की ओर से जल्द ही एक स्पष्टीकरण जारी करने को लेकर भी सहमति बनी है। मौजूदा समय में डिग्री या डिप्लोमा देने को लेकर कुछ आइआइएम में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
-प्रत्येक आइआइएम का होगा अब अपना एक त्रिस्तरीय प्लान
-आइआइएम चेयरमैन बैठक में बनी सहमति, डिग्री विवाद पर भी चर्चा
आइआइएम में गुणात्मक सुधार को लेकर बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर की अध्यक्षता में आइआइएम चेयरमैन और सदस्यों की उच्च स्तरीय बैठक में यह सहमति बनी है। इस दौरान सभी आइआइएम से तीन साल की कार्ययोजना और सात साल की एक रणनीतिक योजना तैयार करने को भी कहा गया है।
सरकार का मानना है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ती विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा को देखते हुए रणनीति और योजना के साथ काम करना जरूरी है। ऐसे में त्रिस्तरीय योजनाओं के तैयार होने से आइआइएम को मजबूती मिलेगी।
बैठक में आइआइएम डिग्री विवाद को लेकर भी लंबी चर्चा हुई। यह विवाद आइआइएम बिल के पास होने के बाद पैदा हुआ है। इसके तहत संस्थानों को डिप्लोमा की जगह अब डिग्री देना है। लेकिन लखनऊ सहित देश के कुछ संस्थान और उनके छात्र डिग्री लेने को लेकर तैयार नहीं है।
उनका कहना है कि उन्होंने डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया और अपनी पढ़ाई पूरी की है। ऐसे में वह डिप्लोमा सर्टीफिकेट ही लेंगे। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय ने इस विवाद से बचने के लिए संस्थानों को इस साल इस बात की स्वायत्ता देने का मन बनाया है कि वह डिग्री और डिप्लोमा में से कुछ भी दे सकते हैं। संस्थानों को यह ढील सिर्फ इस साल के लिए ही रहेगी।