हमें पता है कौन है आतंकी रियाज नाइकू का उत्तराधिकारी, जल्द मारा जाएगा: आइजीपी विजय कुमार
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आइजीपी कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने गुरुवार को हिजबुल कमांडर रियाज नाइकू की मौत को एक बड़ी सफलता बताया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आइजीपी, कश्मीर रेंज) विजय कुमार ने गुरुवार को हिजबुल कमांडर रियाज नाइकू की मौत को एक बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि नाइकू का उत्तराधिकारी कौन है, यह भी हमें पता है। वह और उसके अन्य आतंकी भी जल्द मारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि नाइकू की हर गतिविधि की निगरानी की जा रही थी। उसकी मौत से कश्मीर में आतंकवाद और नए आतंकियों की भर्ती में बहुत हद तक कमी आएगी। वहीं, जहां नाइकू मारा गया है, वहां सुरंग जैसा उसका कोई ठिकाना नहीं था।
कश्मीर में नए आतंकियों की भर्ती में आएगी काफी कमी
श्रीनगर में पत्रकारों के साथ बातचीत में आइजी विजय कुमार ने कहा कि रियाज नाइकू बुधवार को अपने ही गांव में साथी सहित मारा गया। हमारे डीआइजी अतुल कुमार और उनकी टीम लगातार नाइकू के पीछे लगी हुई थी। बीते सप्ताह सुरक्षाबलों पर आतंकियों के हमलों में तेजी के बाद हमने नाइकू का पीछा और तेज कर दिया, क्योंकि वह विभिन्न वीडियो जारी कर आतंकियों और अन्य लोगों को सुरक्षाबलों पर हमलों के लिए उकसा रहा था।
नाइकू की निगरानी में लगे पुलिसकर्मी एक-दो घंटे ही सो पा रहे थे
आइजी ने कहा कि नाइकू की हर गतिविधि की लगातार निगरानी की जा रही थी। हमारे कुछ पुलिसकर्मी सिर्फ एक-दो घंटे के लिए ही सो पा रहे थे। हमने उसके छह ठिकानों को तबाह करने के अलावा उसके कुछ खास मददगार भी पकड़े हैं। उन्होंने हमें कई अहम सुराग उपलब्ध कराए। उसके सभी सुरक्षित ठिकाने तबाह हो गए थे और उसे बेगीपोरा में शरण लेने आना पड़ा। मंगलवार को उसके बेगीपोरा में दाखिल होते ही हमने घेराबंदी कर तलाशी ली, लेकिन वह नहीं मिला। हमें पता था कि वह गांव में ही है, इसलिए घेराबंदी जारी रखते हुए अगले दिन सेना को भी बुलाया गया। जब उसके एक रिश्तेदार के मकान की तलाशी शुरू की गई तो अंदर छिपे बैठे आतंकियों ने फायरिंग कर दी। इसके साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गई और वह मारा गया।
वीडियो-आडियो संदेश जारी कर देता था धमकी
आइजीपी ने कहा कि नाइकू की मौत से कश्मीर में विशेषकर दक्षिण कश्मीर में आतंकी हिंसा और आतंकियों की भर्ती में बड़ी कमी आएगी। वह दूसरों को विशेषकर युवाओं को प्रभावित करने में माहिर था। इसके अलावा वह अक्सर एक-दो माह बाद वीडियो-आडियो संदेश जारी कर आम लोगों, पुलिसकर्मियों व सुरक्षाबलों को धमकाता था। उसने 25 मार्च को भी एक ऐसा वीडियो जारी किया था। इसके बाद पुलिसकर्मियों पर हमले हुए और छह नागरिक भी मारे गए।
नार्को टेरेरिज्म भी चलाता था
आइजी ने कहा कि नाइकू दक्षिण कश्मीर में नार्को टेरेरिज्म भी चला रहा था। वह अफीम और भांग की खेती करने वालों का संरक्षण करते हुए पैसा लेता था। उसकी मौत से लोगों ने राहत की सांस ली है।
कोविड-19 का खतरा टलने के बाद ही दिए जाएंगे शव
आइजीपी विजय कुमार ने मुठभेड़ों के दौरान मारे जाने वाले आतंकियों के शवों को उनके परिजनों को न सौंपने पर कहा कि ऐसा कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पता है कि सोमवार को आतंकी हमले के दौरान हंदवाड़ा में मारा गया युवक निर्दोष था। हमने उसके परिजनों से बातचीत के आधार पर ही उसे बारामुला में दफनाया है। उसके परिजन भी इस अवसर पर मौजूद रहे। उसके जनाजे में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की आशंका थी, जिससे कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। जब कोरोना के संक्रमण का खतरा समाप्त हो जाएगा, हम शवों को फिर उनके वारिसों के हवाले करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
कानून व्यवस्था के लिए इंटरनेट पर रोक जरूरी
आइजीपी ने कहा कि यहां हालात बिगाड़ने के लिए शरारती तत्व इंटरनेट और फोन का दुरुपयोग करते हैं। अगर हम कल इंटरनेट बंद नहीं करते तो यहां किस तरह की अफवाहें फैलती, सभी जानते हैं। हालात सामान्य होने के बाद टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं को भी बहाल कर दिया जाएगा।