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यदि बिना दवा के कोरोना को हराना है तो खाइए छत्तीसगढ़ की भाजी और बढ़ाइए रोग प्रतिरोधक क्षमता

केंद्रीय विश्वविद्यालय में किए गए शोध से पता चला है कि भाजियों में कई औषधीय गुण हैं जो कोरोना से लड़ने में भी कारगर साबित हो सकते हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 10:13 PM (IST)
यदि बिना दवा के कोरोना को हराना है तो खाइए छत्तीसगढ़ की भाजी और बढ़ाइए रोग प्रतिरोधक क्षमता
यदि बिना दवा के कोरोना को हराना है तो खाइए छत्तीसगढ़ की भाजी और बढ़ाइए रोग प्रतिरोधक क्षमता

बिलासपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ की भाजियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की गजब की क्षमता है। इसे देखते हुए मुंगेली कलेक्टर पीएस एल्मा ने जिले के क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे मजदूरों को भाजी-भात (चावल-साग) खिलाने के निर्देश दिए हैं। उनके मुंगेली मॉडल की इन दिनों प्रशासनिक हल्के में जमकर चर्चा है। कोरोना को वे ही बिना दवा के हरा सकता है, जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो। रिसर्च में इस बात के सामने आने के बाद मुंगेली ऐसा पहला जिला है, जिसने दवा के बजाए भाजियों की मदद से कोरोना को भगाने का निर्णय लिया है।

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कम खर्च पर मजदूरों को पौष्टिक आहार 

असल में गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक शोध से पता चला है कि छत्तीसगढ़ में मिलने वाली चेंच, चरोटा, चौलाई, मुनगा जैसी भाजी (साग) शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। गांव वाले पहले से ही भाजी भात मजे से खाते रहे हैं। ऐसे में अब जब क्वारंटाइन मजदूरों को रोग से बचाने की बात आई तो मुंगेली कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि कम से कम एक वक्त जरूर मजदूरों को स्थानीय भाजियों के साथ भोजन दिया जाए। उनके इस आदेश ने नई सोच पैदा कर दी है। क्योंकि इसके फायदे भी हैं और कम खर्च पर मजदूरों को पौष्टिक आहार भी मिल जाएगा। कम खर्च, स्थानीय स्तर पर उपलब्धता और मजदूरों की रचि का भोजन होने से इस तरह के उपाय अब बाकी जिलों में करने की रणनीति बनाई जा रही है।

भात-भाजी ही क्यों

- भाजी में औषधीय गुण होते हैं।

- केंद्रीय विवि के शोध में कई भाजियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का पता चला है।

- भाजी-भात पहले से ही प्रदेश में प्रचलित।

- कम खर्च में पौष्टिक आहार देना संभव।

- ग्रामीण क्षेत्रों में भाजी सहज ही उपलब्ध।

भाजियों में कई औषधीय गुण हैं, जो कोरोना से लड़ने में कारगर साबित हो सकते हैं

केंद्रीय विश्वविद्यालय में किए गए शोध से पता चला है कि भाजियों में कई औषधीय गुण हैं, जो कोरोना से लड़ने में भी कारगर साबित हो सकते हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाने वाली भाजियों में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। कुछ में रोग प्रतिरोधक बढ़ाने की क्षमता होती है। इन भाजियों को क्वारंटाइन में रह रहे मजदूरों को खिलाने से उनमें रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी। पीएस एल्मा कलेक्टर मुंगेली एक्सपर्ट व्यू छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले भथुआ, पोई, चरोटा, चौलाई, चेंच आदि भाजियों में आयरन, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर आदि की मात्रा बड़े पैमाने पर पाई जाती है। इसके औषधीय गुण होते हैं, जिससे भाजी खाने से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। भाजियों के उपयोग से लोग कोरोना से लड़ने में भी सक्षम होते हैं- प्रो.अश्वनी दीक्षित विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान गुरु घासीदास केंद्रीय विवि।


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