अटल जी कहें तो वापस कर दूंगा भारत रत्न: अमर्त्य सेन
नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से भारत रत्न लौटा देने की भाजपा सांसद चंदन मित्रा की मांग को लेकर गुरुवार को एक नया विवाद शुरू हो गया। इस मांग पर सेन ने कहा कि यदि भाजपा के शीर्ष नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहें तो वह पुरस्कार लौटा देंगे। भाजपा ने इस मांग को मित्रा की निजी राय कहकर इस प्रकरण को समाप्त करने की कोशिश की है जबकि कांग्रेस ने इस पर यह कहते हुए हमला बोला है कि यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता को दर्शाता है।
नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से भारत रत्न लौटा देने की भाजपा सांसद चंदन मित्रा की मांग को लेकर गुरुवार को एक नया विवाद शुरू हो गया। इस मांग पर सेन ने कहा कि यदि भाजपा के शीर्ष नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहें तो वह पुरस्कार लौटा देंगे। भाजपा ने इस मांग को मित्रा की निजी राय कहकर इस प्रकरण को समाप्त करने की कोशिश की है जबकि कांग्रेस ने इस पर यह कहते हुए हमला बोला है कि यह भाजपा की फासीवादी मानसिकता को दर्शाता है।
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सेन ने एक निजी टीवी चैनल से कहा, 'चंदन मित्रा शायद यह नहीं जानते कि भारत रत्न मुझे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने दिया था और इसे मुझे अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रदान किया था। यदि वाजपेयी चाहते हैं कि मैं इसे लौटा दूं तो मैं निश्चित रूप से लौटा दूंगा।' उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की मांग की गई है। उन्होंने इसे मित्रा का निजी विचार करार दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के शासनकाल में उनकी लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और अरुण जेटली जैसे नेताओं के साथ बहुत सारी चर्चाएं होती थीं।
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मित्रा ने सेन से भारत रत्न लौटाने की मांग करते हुए कहा था, 'वह तो भारत में मतदाता तक नहीं हैं। उन्होंने इस पर आश्चर्य जताया कि भारत रत्न पुरस्कार विजेता किसी राजनीतिक दल या किसी नेता के पक्ष में या खिलाफ बोलता है।' सेन हाल में भाजपा के निशाने पर तब आए जब उन्होंने यह कहा कि वह नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते क्योंकि उनके पास धर्मनिरपेक्ष होने का प्रमाण-पत्र नहीं है। उन्होंने मोदी के शासन के मॉडल की भी यह कहकर आलोचना की थी कि वह इसे अनुमोदित नहीं करते।
मित्रा के इस बयान पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि भाजपा ने भारत रत्न लौटाने को कहकर सेन का अपमान ही नहीं किया बल्कि उसके कुछ प्रवक्ताओं ने तो उनसे नोबेल पुरस्कार लौटाने को भी कहा है, यह अत्यंत खेदजनक है। यह फासीवादी मानसिकता नहीं तो और क्या है? या तो आप हमारे साथ रहें या हमारे खिलाफ हैं तो भारत रत्न लौटा दें। अमर्त्य सेन ने गलत क्या किया? यह अभिव्यक्ति के अधिकार को बड़ा झटका है।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस विवाद पर कहा कि ऐसा नहीं कहना चाहिए था। केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री शशि थरूर, कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद, राज्यसभा सदस्य जावेद अख्तर सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने इस प्रकरण पर भाजपा और मित्रा की आलोचना की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने मित्रा की मांग को लेकर उपजे विवाद को खत्म करते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय है। पार्टी की अन्य प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि भारत रत्न विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा इसका हिस्सा नहीं है।
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