यदि मुख्यमंत्री अस्पताल से कर सकते हैं काम तो दूसरे क्यों नहीं, हाई कोर्ट ने पूछे सवाल
इंदौर के समीप सांवेर रोड पर वर्षों से अधूरे पड़े जेल भवन के निर्माण पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ तल्ख सवाल पूछे हैं।
इंदौर, जेएनएन। इंदौर के समीप सांवेर रोड पर सालों से अधूरे पड़े जेल भवन के निर्माण को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। प्रमुख सचिव (गृह) डॉ. राजेश राजौरा और प्रमुख सचिव (वित्त) मनोज गोविल ने कोर्ट को बताया कि हाई पॉवर कमेटी से अनुमति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया, लेकिन पिछली सुनवाई पर प्रमुख सचिवों की अनुपस्थिति पर कहा कि जब मुख्यमंत्री अस्पताल से काम कर सकते हैं तो फिर दूसरे क्यों नहीं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कोरोना संक्रमित होने के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अस्पताल से लगातार काम करते रहे थे। 2002 में सरकार ने सांवेर रोड स्थित 50 एकड़ जमीन नई जेल के निर्माण के लिए जेल विभाग को आवंटित की थी। जेल विभाग ने निर्माण को लेकर मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड से अनुबंध किया था। निर्माण पर करीब 18 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद काम रोक दिया गया। इसके बाद से यह काम अधूरा पड़ा है। जो निर्माण किया गया था, वह भी अब जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। अधूरे काम पूरे करने का आदेश देने की मांग करते हुए वकील अभिजीत यादव ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।
बीते 11 अगस्त को कोर्ट ने आदेश दिया था कि प्रमुख सचिव (गृह) और प्रमुख सचिव (वित्त) 18 अगस्त को वीडियो कांफ्रें¨सग के जरिये उपस्थित होकर निर्माण की कार्य योजना बताएं। इसके बावजूद दोनों प्रमुख सचिव उपस्थित नहीं हुए, न शासन की तरफ से जवाब दिया गया। सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई। इस पर अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 की वजह से फाइल आगे नहीं बढ़ सकी है। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी कि जब मुख्यमंत्री अस्पताल से काम कर सकते हैं तो दूसरे क्यों नहीं। कोर्ट अब 29 सितंबर को सुनवाई करेगी।