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बाइडन जीते तो बदल सकती है अहम वैश्विक मुद्दों पर अमेरिका की नीति, जानें- भारत पर क्‍या पड़ेगा प्रभाव

जो बाइडन ने मई में कहा था कि राष्ट्रपति बनने पर विदेश नीति में अहम बदलाव होंगे। इसमें अमेरिकी मदद को प्रमुखता दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि दूसरे देशों की मदद के जरिये अमेरिकी निवेश को विस्तार दिया जाएगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 09:19 AM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 09:51 AM (IST)
बाइडन जीते तो बदल सकती है अहम वैश्विक मुद्दों पर अमेरिका की नीति, जानें- भारत पर क्‍या पड़ेगा प्रभाव
जो बाइडन शरणार्थियों की सीमा 1.25 लाख करने की घोषणा कर चुके हैं

नई दिल्‍ली, जेएनएन। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना में जो बाइडन बढ़त बनाए हुए हैं। डोनाल्‍ड ट्रंप को कोर्ट से भी तत्‍काल राहत नहीं मिली है। अगर बाइडन अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति बनते हैं, तो कई बदलाव देखने को मिलेंगे। सबसे बड़ा बदलाव अमेरिका की विदेश नीति में देखने को मिलेगा। दरअसल, बाइडन ने विभिन्न मौकों पर वैश्विक मुद्दों के संबंध में अपनी राय स्पष्ट कर दी है। उनके राष्ट्रपति चुने जाने की स्थिति में अहम वैश्विक मुद्दों पर अमेरिका की नीति बदल सकती है। इससे भारत भी कई मायनों में प्रभावित होगा।

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शरणार्थियों की सीमा बढ़ेगी

जो बाइडन शरणार्थियों की सीमा 1.25 लाख करने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन की तरफ से मुस्लिमबहुल देश ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया व यमन के खिलाफ इमिग्रेशन (आव्रजन) संबंधी लगाए गए प्रतिबंध को खत्म करने का भी एलान किया है।

विदेश नीति में होंगे अहम बदलाव

जो बाइडन ने मई में कहा था कि राष्ट्रपति बनने पर विदेश नीति में अहम बदलाव होंगे। इसमें अमेरिकी मदद को प्रमुखता दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि दूसरे देशों की मदद के जरिये अमेरिकी निवेश को विस्तार दिया जाएगा। इसके माध्यम से अमेरिका की सुरक्षा व संपन्नता को भी बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी।

वीजा नीति से भारतीयों को होगा लाभ

एच-1बी वीजा प्रतिबंधों में ढील देना व उनकी मौजूदा संख्या को बढ़ाना बाइडन की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने ग्रीन कार्ड के लिए देशों का कोटा खत्म करने का भी भरोसा दिया है। कोटा के कारण ही ज्यादातर भारतीयों को ग्रीन कार्ड के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ता है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग व गणित में शोध करने वाले छात्रों को वीजा सीमा से छूट देने की भी बात कही है।

आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति

चुनाव प्रचार के दौरान हिंदू अमेरिकन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों से लिखित रूप में कई सवाल पूछे थे। इस दौरान बाइडन ने साफ किया था कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी। दक्षिण एशिया में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सीमा पार के आतंकवाद पर भी अंकुश लगाने की कोशिश होगी।

जलवायु परिवर्तन पर बड़े पैमाने पर होगा काम

बाइडन ने जलवायु परिवर्तन को लेकर दो लाख करोड़ डॉलर यानी 148 लाख करोड़ रुपये की योजना बनाई है। उन्होंने पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते में फिर से शामिल होने का भी संकल्प लिया है। ग्रीन क्लाइमेट फंड बनाने की घोषणा की है, जिससे मध्यम व कम आय वाले देशों की मदद की जाएगी। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन में दोबारा शामिल होगा अमेरिका

घोषणा के अनुरूप राष्ट्रपति चुने जाने पर बाइडन पहले ही दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ में अमेरिका को दोबारा शामिल कराएंगे। संस्था को दी जाने वाली मदद भी बहाल करेंगे। वह यह कह चुके हैं कि डब्ल्यूएचओ समेत अन्य वैश्विक संस्थाएं निपुण नहीं हैं, लेकिन अमेरिका को नेतृत्व करते हुए इनमें सुधार करना होगा। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि अमेरिका सबसे बड़ा दानदाता बना रहे।

कोरोना संक्रमण पर विश्‍व के साथ मिलकर लड़ेंगे

मार्च में बाइडन ने कहा था कि अमेरिका कोरोना संक्रमण की महामारी से तब तक पूरी तरह निजात नहीं पा सकता, जब तक वह दुनिया के दूसरे देशों के साथ मिलकर काम नहीं करता। उनकी योजना में यूएस एड कार्यक्रम शामिल है, ताकि गरीब देशों की मदद की जा सके। उन्होंने भारतीय वैक्‍सीन कोवैक्स कार्यक्रम में भी शामिल होने की इच्छा जताई है।


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