Move to Jagran APP

अड़चनें दूर हो तो ईरान को हो सकता है हर साल पांच अरब डालर का निर्यात

सब कुछ ठीक रहे तो ईरान को होने वाले निर्यात में साल 2019-20 में 60 फीसद की वृद्धि मुमकिन है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 09:06 PM (IST)
अड़चनें दूर हो तो ईरान को हो सकता है हर साल पांच अरब डालर का निर्यात
अड़चनें दूर हो तो ईरान को हो सकता है हर साल पांच अरब डालर का निर्यात

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। निर्यात में वृद्धि के लिए ईरान भारत का संभावित लक्ष्य हो सकता है, लेकिन इसके लिए ईरान से कारोबार के रास्ते में आने वाली अड़चनों को दूर करना होगा। निर्यात संगठनों के फेडरेशन फियो का मानना है कि अगर इन अड़चनों को दूर कर लिया जाए तो ईरान को होने वाला निर्यात सालाना 5 अरब डालर के स्तर तक लाया जा सकता है।

loksabha election banner

फेडरेशन का मानना है कि सब कुछ ठीक रहे तो ईरान को होने वाले निर्यात में साल 2019-20 में 60 फीसद की वृद्धि मुमकिन है। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने बताया कि ईरान को निर्यात बढ़ाने में सबसे बड़ी दिक्कत लॉजिस्टिक्स और बीमा कंपनियों की तरफ से आ रही है। गुप्ता ने कहा कि ईरान में भारतीय वस्तुओं की मांग है, लेकिन निर्यात प्रक्रिया के दौरान इस तरह की दिक्कतें हैं जिनकी वजह से वहां निर्यात नहीं किया जा पा रहा है।

अमेरिकी व यूरोपीय शिपिंग, बीमा कंपनियां ईरान जाने को तैयार नहीं

दरअसल ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते स्थिति ऐसी बन गई है कि तकरीबन सभी शिपिंग कंपनियां ईरान के बंदरगाहों की तरफ जाने से कतरा रही हैं। गुप्ता ने बताया कि शिपिंग कंपनियां ही नहीं, कुरियर कंपनियां भी निर्यात संबंधी दस्तावेज वहां डिलीवर करने से बच रही हैं। इस वजह से ईरान के साथ होने वाले निर्यात सौदे पूरे नहीं हो पा रहे हैं।

गुप्ता ने कहा कि बीमा कंपनियां भी ईरान को भेजे जाने वाले सामान का बीमा नहीं कर रही हैं। गुप्ता के मुताबिक अमेरिका और यूरोप की शिपिंग, बीमा और कुरियर कंपनियों का यह रवैया भारतीय निर्यात को प्रभावित कर सकता है। इसलिए निर्यातक भी इस बाजार की संभावनाओं का पूरी तरह दोहन नहीं कर पा रहे हैं।

ईरान को भारत से फिलहाल सालाना 3 अरब डालर का निर्यात हो रहा है। लेकिन वहां कृषि उत्पादों, फार्मा और इंजीनियरिंग उत्पादों की भी काफी संभावना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.