Move to Jagran APP

अगर भारत और यूएई दोनों जगहों पर है मकान तो कहां देना होगा टैक्स, वित्‍त मंत्रालय ने किया साफ

प्रवासी भारतीयों पर टैक्स लगाने के प्रावधान पर वित्त मंत्रालय एक और सफाई दी है। जानिये यदि किसी एनआरआइ का भारत और यूएई दोनों जगहों पर मकान हो तो उसे कहां देना होगा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 12:49 AM (IST)
अगर भारत और यूएई दोनों जगहों पर है मकान तो कहां देना होगा टैक्स, वित्‍त मंत्रालय ने किया साफ
अगर भारत और यूएई दोनों जगहों पर है मकान तो कहां देना होगा टैक्स, वित्‍त मंत्रालय ने किया साफ

नई दिल्ली, जेएनएन। आम बजट 2020-21 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी भारतीयों पर टैक्स लगाने का जो ऐलान किया है उसको लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं। इस बारे में राजस्व सचिव ने यह बता दिया है कि सिर्फ भारत में एनआरआई की जो कमाई है उसी पर ही टैक्स लगेगा, विदेश में अर्जित धन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन इससे भी बात नहीं बन रही है क्योंकि कई प्रवासी भारतीय ऐसे हैं जो भारत के साथ ही दूसरे देश के भी नागरिक हैं और दोनों जगहों से एक साथ कमाई कर रहे हैं।

loksabha election banner

...तब नए प्रावधान का नहीं होगा असर

खास तौर पर यूएई (दुबई) जैसे जगहों में रहने वालों की दुविधा है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इस मामले में नई सफाई पेश की है। इसमें बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति का भारत और दुबई दोनों जगह मकान हो और दोनों जगहों पर कारोबार हो तो यह देखा जाएगा कि वह आम तौर पर कहां रहता है। अगर वह दुबई में ही ज्यादातर रहता है और भारत कभी कभार भारत आता है तो उसकी कमाई पर दुबई में ही कर लगेगा। उस पर नए प्रावधान का कोई असर नहीं पड़ेगा।

इस स्थिति में भारत में देना होगा टैक्‍स

वित्त मंत्री ने आय कर की धारा-6 की उप-धारा 1(ए) के तहत यह ऐलान किया है कि यदि एनआरआइ किसी भी दूसरे देश में टैक्स अदाएगी नहीं करता है तो उसे भारत में टैक्स देना होगा। इस कदम के पीछे असली वजह यह बताया गया है कि कई एनआरआइ सिर्फ टैक्स बचाने के लिए टैक्स हैवन समझे जाने वाले देशों में पैसा लगा देते हैं। वित्त मंत्रालय का नोट बताता है कि यूएई के नियम के मुताबिक वहां 183 दिनों तक रहने वाले को वहां का नागरिक माना जा सकता है।

यूएई में कारोबार तो वहीं देना होगा टैक्‍स

यदि व्यक्ति भारत का भी नागरिक है तो मामला 'टाई ब्रेकर' हो जाता है और ट्राई ब्रेकर होने पर भारत यूएई कराधान समझौते की धारा 4 के तहत सुलझाया जाएगा। लेकिन इस धारा के मुताबिक भी मामले को 'टाई ब्रेकर' का फैसला आसान नहीं है। अगर उस व्यक्ति का स्थाई घर यूएई में है तब तो उसे वहीं पर टैक्स देना पड़ेगा। यदि भारत और यूएई दोनों जगहों पर मकान है तो फिर उसका कारोबार देखा जाएगा। यदि सिर्फ यूएई में कारोबार है तब उसे यूएई में ही टैक्‍स देना होगा।

...तब लागू होगा नया प्रावधान

अगर यूएई और भारत जगहों पर कारोबार है तो फिर यह देखा जाएगा कि वह ज्यादातर कहां रहता है और कहां ज्यादा कारोबार करता है। लेकिन सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि दोंनों जगह घर है लेकिन यह साबित होता है कि वह सिर्फ यूएई में इसलिए रहता है कि भारत में टैक्स देने से बचे तो फिर उस पर नया प्रावधान लागू होगा। यानी उसे भारत में कर देना होगा। यदि दोनों जगह स्थाई घर हो लेकिन सारा कारोबार यूएई में हो तब भी उस पर नया प्रावधान लागू नहीं होगा। यानी भारत में टैक्स नहीं देना होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.