सेना मुख्यालय की एडवाइजरी, किसी सैनिक ने कोरोना का लक्षण छिपाया; तो होगी दंडात्मक कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि सैन्यकर्मी यदि छुट्टी पर या यात्रा के दौरान किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो उनको निर्दिष्ट मेडिकल टीमों को सूचित करना पड़ेगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सेना के जवानों ने कोरोना का लक्षण या संक्रमित व्यक्तियों के साथ संपर्क छिपाया, तो उसके खिलाफ सेना अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सेना मुख्यालय ने सभी सैन्य ठिकानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें सैनिकों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए विशेष निर्देश और मानदंड के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। एडवाइजरी में कहा गया है कि इसे सभी रैंकों के लिए अनिवार्य बना दिया गया है, ताकि किसी सैनिक को खांसी, गले में दर्द, बुखार, सांस लेने में कठिनाई जैसे कोरोना के किसी लक्षण का तत्काल पता चल सके।
सेना अधिनियम 1950 के तहत होगी कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि सैन्यकर्मी यदि छुट्टी पर या यात्रा के दौरान किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो उनको निर्दिष्ट मेडिकल टीमों को सूचित करना पड़ेगा। एडवाइजरी के मुताबिक, कोई सैनिक यदि सरकार द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित घोषित किए गए क्षेत्र की यात्रा करता है, तो उसकी भी उसे जानकारी देनी होगी। इसमें कहा गया है कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले सैन्यकर्मी पर सेना अधिनियम, 1950 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आपातकाल संबंधी सोशल मीडिया संदेशों को सेना ने फर्जी बताया
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर चल रहे उन संदेशों को फर्जी करार दिया है, जिसमें कहा जा रहा हे कि कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए अगले महीने में देश में आपातकाल लागू किया जा सकता है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेवाविृत्त सैनिकों और एनसीसी के कैडेटों को स्वयंसेवकों की भूमिका दिए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। सेना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पब्लिक इंफार्मेशन ने ट्वीट किया कि अप्रैल के मध्य में आपातकाल की घोषणा के बारे में सोशल मीडिया पर नकली और दुर्भावनापूर्ण संदेश प्रसारित हो रहे हैं। यह स्पष्ट है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है।