IEW 2024: दूसरे इंडिया एनर्जी वीक का पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, 120 देशों के सरकारी व गैर-सरकारी प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
पीएम नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दूसरे आइईडब्लू का उद्घाटन करेंगे जिसमें 120 देशों के सरकारी व गैर-सरकारी प्रतिनिधि हिस्सा लेने जा रहे हैं। सिर्फ दो वर्ष ...और पढ़ें

जयप्रकाश रंजन, गोवा। पहले कोरोना महामारी और उसके बाद यूक्रेन-रूस युद्ध ने ऊर्जा सेक्टर से जिस तरह से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दिया है उसमें भारत ने वैश्विक ऊर्जा सेक्टर में वैश्विक नेतृत्व देने का माद्दा दिखाया है। यही वजह है कि पिछले वर्ष जिस इंडिया इनर्जी वीक (आइईडब्लू) की शुरुआत की गई थी उसे आज की तारीख में दुनिया भर की इनर्जी सेक्टर से जुड़ी कंपनियां, एजेंसियां और सरकारी विभाग गौर से देखने को बाध्य हुए हैं।
मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी दूसरे आइईडब्लू का उद्घाटन करेंगे जिसमें 120 देशों के सरकारी व गैर-सरकारी प्रतिनिधि हिस्सा लेने जा रहे हैं। सिर्फ दो वर्षों में आइईडब्लू का आयोजन जिस आकार पर होने लगा है उसकी तुलना बेहद पुराने वर्ल्ड पेट्रोलिमय कांग्रेस और ओपेक देशों के सम्मेलन से की जाने लगी है।
दुनिया का इनर्जी सेक्टर बड़े बदलाव से गुजरने वाला है
पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी का कहना है कि कई वजहों से दुनिया का इनर्जी सेक्टर बड़े बदलाव से गुजरने वाला है और भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि इस बदलाव में वह एक अहम धुरी होगा। पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि कोरोना महामारी (2021) के दौरान ही प्रधानंत्री कार्यालय की तरफ से आयोजित एक बैठक में इस बात पर पहली बार विचार हुआ कि दुनिया का इनर्जी परि²श्य पूरी तरह से बदलने वाला है और यह भारत के लिए बड़ी संभावनाओं का द्वार खोल सकता है।
इसके पहले दुनिया में जो इनर्जी बदलाव हुए उसमें भारत बहुत ही पीछे रहा। अगर इस बार भी नीतिगत शिथिलता रही तो ना तो इनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भर बना जा सकेगा और ना ही नई संभावनाओं का फायदा उठाया जा सकेगा। उसके बाद ही पीएमओ, पेट्रोलियम मंत्रालय, बिजली मंत्रालय व अन्य विभागों के विमर्श के बाद आइईडब्लू को बड़े फलक पर आयोजित करने का फैसला हुआ।
भारत को भविष्य के एक ताकत के तौर पर देखा जा रहा
इस बार अपनी इकॉनमी के बड़े आकार, सबसे तेजी से बढ़ रहे ऊर्जा खपत और रिनीबेवल ऊर्जा में विशाल क्षमता स्थापित करने के प्रदर्शन से भारत के पास नेतृत्व देने का आत्मभरोसा है। ग्रीन हाइड्रोजन, बायोगैस, सौर ऊर्जा में भारत को भविष्य के एक ताकत के तौर पर देखा जा रहा है। भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने कार्बन उत्सर्जन के अपने लक्ष्य को निर्धारित सीमा से कई वर्ष हासिल किया है। एक 06-09 फरवरी, 2024 में हो इंडिया इनर्जी वीक के दौरान 17 देशों के पेट्रोलियम मंत्री हिस्सा लेंगे। पारंपरिक और गैर पारंपरिक ऊर्जा सेक्टर की तकरीबन हर वैश्विक कंपनी यहां अपने प्रतिनिधियों को भेज चुकी है।
भारत को ज्यादा तेल बेचने को छोटे-बड़े देश जैसे लीबिया, घाना, सूडान, नामिबिया इसमें अपने पेट्रोलियम मंत्रियों को भेज रहे हैं जबकि रूस, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा, अमेरिका जैसे पेट्रोलियम सेक्टर के बड़ी ताकतों के यहां पर खास पैवेलियन लगाये गये हैं। ये सारे देश भारत को ना सिर्फ कच्चे तेल बल्कि कोयला, गैस भी ज्यादा से ज्यादा बेचने की इच्छा रखते हैं। इन देशों की दिग्गज पेट्रोलियम कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ पीएम मोदी की मंगलवार को ही विशेष बैठक होगी। वर्ष 2015 में पीएम पद संभालने के बाद पीएम मोदी लगातार दिग्गज पेट्रोलियम कंपनियों के प्रमुखों के साथ विशेष मुलाकात करते रहे हैं।

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