एयर इंडिया पायलटों के लाइसेंस रद किए जाने पर ICPA का DGCA से सवाल
पायलटों के लाइसेंस रद किए जाने पर आईसीपीए ने डीजीसीए से स्पष्टीकरण की मांग की है।
नई दिल्ली (एएनआई)। एयर इंडिया के 400 केबिन क्रू और 132 पायलटों के लाइसेंस रद किए जाने पर स्पष्टीकरण मांगते हुए सोमवार को एयरलाइंस के पायलट यूनियन ‘इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स असोसिएशन (आईसीपीए)’ ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को पत्र लिखा।
अल्कोहल टेस्ट न कराने का आरोप
उल्लेखनीय है कि डीजीसीए के अनुसार, 2016 में प्री और पोस्ट फ्लाइट अल्कोहल टेस्ट में एयर इंडिया के 132 पायलट व 434 केबिन क्रू शामिल नहीं हुए थे। डीजीसीए का कहना है कि ये लोग उड़ान से पहले और बाद में अनिवार्य अल्कोहल टेस्ट नहीं करा रहे हैं। डीजीसीए के सुरक्षा मानकों के अनुसार, उड़ान से पहले और बाद में पायलटों व क्रू मेंबरों के लिए अल्कोहल टेस्ट कराना जरूरी होता है। नियम कहता है कि उड़ान से 12 घंटे पहले तक शराब का सेवन प्रतिबंधित है।
आइसीपीए का आरोप से इंकार
इस मामले में आइसीपीए के जनरल सेक्रेटरी कैप्टन टी प्रवीण कीर्ति ने डीजीसीए के डायरेक्टर जनरल बी एस भुल्लर को लिखे गए पत्र में इस मामले का उल्लेख किया और कहा कि उल्लिखित हर एक पायलट ब्रीद अनालाइजर टेस्ट में शामिल हुआ है और इनमें से किसी ने भी इंकार नहीं किया और न ही आपत्ति जतायी।
पत्र में उठाए गए कई मुद्दे
पत्र में लिखा गया है, ‘एयर इंडिया मैनेजमेंट की ओर से ट्रांजिट स्टेशनों पर मेडिकल सुविधा नहीं उपलब्ध करायी गयी। 4 अगस्त 2015 से प्रभावी सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) सेक्शन 5 का हवाला देते हुए आइसीपीए ने स्पष्टीकरण की मांग की है कि पिछले दो सालों से एयर सेफ्टी के इनचार्ज डीजीसीए अधिकारी ने कोई ऑडिट क्यों नहीं किया। हम यह भी जानना चाहते हैं कि भारितय करियर्स के ब्रीद अनालाइजर टेस्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय स्टेशनों पर कोई डॉक्टर क्यों नहीं मौजूद हैं।
चैंबर ने आग्रह किया, ‘इन तथ्यों के उपलब्ध कराने के बावजूद यदि डीजीसीए 132 पायलटों का लाइसेंस रद करने का इरादा रखता है तो इस तरह के अन्य मार्गों पर तैनात अन्य पायलटों को भी सस्पेंड किया जाना चाहिए।
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