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हवा से हर तरह के वायरस को खींचकर खत्म करने वाली मशीन बनाने का दावा, ICMR में होगा ट्रायल

मशीन बनाने वालों का दावा है कि इस तरह से हम एक बंद कमरे हॉस्पिटल ऑफिस स्कूल या अपने घरों से इस वायरस को फैलने से रोक सकते हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 11:20 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 11:22 PM (IST)
हवा से हर तरह के वायरस को खींचकर खत्म करने वाली मशीन बनाने का दावा, ICMR में होगा ट्रायल
हवा से हर तरह के वायरस को खींचकर खत्म करने वाली मशीन बनाने का दावा, ICMR में होगा ट्रायल

जबलपुर, जेएनएन। कोरोना से निपटने के लिए पूरी दुनिया के वैज्ञाानिक व चिकित्सक जुटे हैं। नित नए शोध व प्रयोग हो रहे हैं। ऐसा ही प्रयास मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के अभिषेक मुद्गल ने किया है। उन्होंने ऐसी मशीन तैयार करने का दावा किया है जो किसी बंद कमरे, हॉल की हवा में मौजूद हर तरह के वायरस और बैक्टीरिया को खींच कर समाप्त कर सकती है। देशी उपकरणों की मदद से बमुश्किल आठ हजार की लागत में यह मशीन बनाई गई है।

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शनिवार को टीम ने कलेक्टर भरत यादव को इस रिसर्च व मशीन के बारे में जानकारी दी है। इसके बाद कलेक्टर ने आईसीएमआर लैब व तकनीकी विशेषज्ञों की टीम के जरिए मशीन का रिजल्ट जांचने के निर्देश दिए हैं। मशीन बनाने वाली अभिषेक की टीम का दावा है कि यदि कोरोना संक्रमित मरीज के पास इसका उपयोग किया जाए। तो मशीन से निकलने वाली शुद्ध हवा लेने पर उसके फेफड़ों में तेजी से सुधार हो सकता है।

एमियान्स नाम, ऐसे करेगी काम 

इस मशीन का नाम एमियान्स रखा गया है। इस मशीन के दायरे में जब हवा प्रवेश करती है तब उसमें मौजूद गैसों से हाइड्रोक्सी कंपाउंड बनते हैं। जिसमें हाइड्रोजन पॉजिटिव आयन से और ऑक्सीजन नेगेटिव आयन से चार्ज होता है। जब यह चार्ज गैस हवा में फैलती है, तब यह रिएक्टिव हाइड्रॉक्साइड हवा में मौजूद कोरोना वायरस या अन्य वायरस के प्रोटीन आवरण को तोड़ देता है। वायरस खत्म हो जाता है और यही प्रक्रिया अन्य दूसरे वायरस और बैक्टीरिया के साथ भी होती है।

मशीन बनाने वालों का दावा है कि इस तरह से हम एक बंद कमरे, हॉस्पिटल, ऑफिस, स्कूल या अपने घरों से इस वायरस को फैलने से रोक सकते हैं। साथ ही यह मशीन कोरोना संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ो में फंक्शन को अच्छा करती है। यह जानकारी कलेक्टर को टीम के शिवांशु मेहता एवं गौरव विश्वकर्मा ने दी। इस मशीन का निर्माण अभिषेक मुद्गल के साथ पीके दीक्षित प्रोजेक्ट इंजीनियर आईटी पार्क के मार्गदर्शन में किया गया है।

आईसीएमआर में होगा ट्रायल

कलेक्टर भरत यादव के मार्गदर्शन में आगामी दिनों में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. प्रदीप कसार एवं उनकी टीम मशीन का प्रदर्शन देखेंगे और फिर उसे आईसीएमआर लैब को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

गंभीर बीमारी से ग्रसित है अभिषेक 

नरसिंहपुर निवासी अभिषेक मुद्गल इससे पहले कई अविष्कारक यंत्र व उपकरण बना चुके हैं। 17 साल कि उम्र से इन्होंने कई राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान क्षेत्र के पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इन्होंने हिताची और विंड मिल जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को अपना डिजाइन दिया था। हाल ही में नगर पालिका करेली में वह कई प्रकार कि मशीने दे चुके हैं। अभिषेक मल्टीपल सिरोसिस से ग्रसित हैं।


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