देशभर में जांच की व्यवस्था तैयार करेंगे देश में 14 संस्थान, आइसीएमआर ने दी जिम्मेदारी
देशभर में कुल 14 संस्थानों को कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच करने के लिए जांच केंद्र तैयार करने को कहा गया है। जानें कौन कौन से हैं ये संस्थान...
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोना के बढ़ते प्रसार के बीच जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता में है। इस दिशा में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने चंडीगढ़ के पीजीआइएमईआर, दिल्ली के एम्स और बेंगलुरु के निमहंस समेत 14 संस्थानों को देशभर में जांच केंद्र तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। ये सभी संस्थान अपने आसपास सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों को प्रशिक्षित करेंगे और वहां जांच की व्यवस्था करेंगे। आइसीएमआर ने जांच केंद्रों की स्थापना के लिए सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों से आवेदन भी मांगे हैं।
आइसीएमआर ने कहा, 'केंद्रीय गृह एवं स्वास्थ्य मंत्रालयों के निर्देश के अनुसार एम्स के डायरेक्टर और आइसीएमआर के डायरेक्टर व डायरेक्टर जनरल की कोर टीम ने 14 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को जिम्मेदारी सौंपी है। इन केंद्रों को अपने आसपास के मेडिकल कॉलेजों को प्रशिक्षित करने और जांच का सेटअप तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है।'
14 केंद्रों के निदेशकों को लिखे पत्र में आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'इस काम में विभिन्न संस्थानों से बात करना, उन्हें प्रशिक्षित करना एवं जरूरी व्यवस्था मुहैया कराने की जिम्मेदारी होगी। इसलिए देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों को बराबर जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये संस्थान अपने लिए तय क्षेत्र में कोरोना जांच केंद्र स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे।' प्रशिक्षण देने वाले केंद्र डायरेक्टर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, अन्य फैकल्टी व स्टाफ के साथ कोर टीम बनाएंगे। यह टीम संबंधित मेडिकल कॉलेजों का मुआयना करेगी और आइसीएमआर द्वारा तय मानकों के आधार पर वहां उपलब्ध सुविधाओं और जरूरतों का आकलन करेगी।
इसी आधार पर सभी सुरक्षा मानकों के साथ जांच केंद्र स्थापित किया जाएगा। पीजीआइएमईआर, चंडीगढ़ को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और उत्तराखंड की जिम्मेदारी मिली है। एम्स, दिल्ली को दिल्ली एवं बिहार में और एएफएमसी, पुणे को मुंबई व पुणे में जांच केंद्र स्थापित करने की संभावना तलाशनी है। एम्स, जोधपुर को राजस्थान व गुजरात तथा निमहंस, बेंगलुरु को कर्नाटक की जिम्मेदारी मिली है।
पूलिंग सैंपल टेस्ट की एडवाइजरी
आइसीएमआर ने जांच की गति तेज करने के लिए पूलिंग सैंपल टेस्ट का तरीका अपनाने को लेकर भी एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत जहां कोरोना के मामले कम पाए गए हैं, वहां पांच में से एक ही सैंपल की जांच होगी। यदि एक सैंपल निगेटिव रहा, तो सभी पांच लोग निगेटिव माने जाएंगे। अगर वह सैंपल पॉजिटिव रहा, तो सभी की जांच अलग-अलग होगी। पांच से ज्यादा सैंपल की पूलिंग नहीं होगी।