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आइसीएमआर ने बदली रणनीति, हॉटस्पॉट के इंफ्लुएंजा मरीजों की भी होगी जांच

कोरोना वायरस के मामलों में आई तेजी को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research यानी ICMR) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 10 Apr 2020 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 10 Apr 2020 12:37 AM (IST)
आइसीएमआर ने बदली रणनीति, हॉटस्पॉट के इंफ्लुएंजा मरीजों की भी होगी जांच
आइसीएमआर ने बदली रणनीति, हॉटस्पॉट के इंफ्लुएंजा मरीजों की भी होगी जांच

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में इस हफ्ते कोरोना वायरस के मामलों में आई तेजी के मद्देनजर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। परिषद ने गुरुवार को कहा कि अब हॉटस्पॉट या क्लस्टर इलाकों और विस्थापित केंद्रों पर ऐसे लोगों की भी कोरोना संक्रमण जांच की जाएगी जिनमें बुखार, खांसी, खराश या नाक बहने जैसे एंफ्लुएंजा के लक्षण होंगे। यह जांच बीमारी के सात दिन के भीतर और बीमारी के सात दिन बाद कराई जाएगी।

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अभी तक श्वसन की गंभीर बीमारी से ग्रसित, सांस लेने में तकलीफ और बुखारी-खांसी वाले अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों की कोरोना जांच की जा रही थी। संक्रमित व्यक्ति के प्रत्यक्ष संपर्क में आने वाले बिना लक्षण वाले और हाई रिस्क वाले व्यक्तियों का भी संपर्क में आने के पांचवें और 14वें दिन टेस्ट किया जा रहा है। इसके अलावा गाइडलाइंस के मुताबिक, ऐसे व्यक्तियों की भी जांच की जा रही थी जिन्होंने पिछले 14 दिनों में अंतरराष्ट्रीय यात्रा की और जिनमें पहले लक्षण नहीं थे और बाद में दिखने लगे, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले ऐसे सभी व्यक्ति जिनमें लक्षण दिखाई दिए और ऐसे सभी स्वास्थ्यकर्मी जिनमें लक्षण दिखाई दिए हैं। दरअसल, आइसीएमआर की इस नई रणनीति का मकसद प्रभावी रूप से कोरोना संक्रमण की रोकथाम करना और ऐसे सभी व्यक्तियों की विश्वसनीय जांच करना है जो कोराना जांच के मानदंडों के दायरे में आ रहे हैं।

सुरक्षित खून संग्रह के लिए सरकार ने जारी कीं गाइडलाइंस

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण रक्तदान अभियान में आई बाधा के मद्देनजर नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (एनबीटीसी) ने राज्यों को अंतरिम सिफारिशें जारी की हैं। इसमें अस्पतालों में खून की उपलब्धता बनाए रखने के लिए राज्यों को विवेकपूर्ण तरीके से रक्तदान और रक्त संग्रह जारी रखने को कहा गया है। इस दौरान समुचित शारीरिक दूरी, हाथों की स्वच्छता और चिकित्सकीय कचरे के सुरक्षित निस्तारण का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। एनबीटीसी की निदेशक डॉ. शोबिनी रंजन ने कहा कि रक्तदान प्रक्रिया या रक्त चढ़ाने से कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं है क्योंकि अभी तक ऐसी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। 


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