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अब स्वदेसी किट ओमीस्योर से होगी ओमिक्रोन संक्रमण की जांच, ICMR के DG ने जानकारी

ओमिक्रोन के संक्रमण के आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए स्वदेसी किट ओमिस्योर को विकसित कर लिया गया है। आईसीएमआर के डीजी ने बताया कि नई स्वदेशी किट 4 घंटे में ओमिक्रोन संक्रमण का टेस्ट करेगी। इसके साथ ही किट जीनोम सीक्वेंसिंग के प्रयासों को भी बढ़ाएगी।

By Geetika SharmaEdited By: Published: Wed, 05 Jan 2022 06:24 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jan 2022 06:39 PM (IST)
अब स्वदेसी किट ओमीस्योर से होगी ओमिक्रोन संक्रमण की जांच, ICMR के DG ने जानकारी
अब स्वदेसी किट ओमीस्योर से होगी ओमिक्रोन संक्रमण की जांच

नई दिल्ली, एजेंसियां। एक तरफ जहां कोरोना का वैरिएंट ओमिक्रोन का कहर देश में बरप रहा है। वहीं, दूसरी ओर ओमिक्रोन को लेकर देश में एक अच्छी खबर सामने आई है। कोरोना वायरस के वैरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमण के आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए स्वदेसी किट ओमीस्योर को विकसित कर लिया गया है। टाटा एमडी और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने साथ मिलकर इस ओमिक्रोन की आरटी-पीसीआर टेस्ट किट को विकसित किया है।

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4 घंटे में होगा ओमिक्रोन का टेस्ट

गौरतलब हो कि मंगलवार यानि 4 जनवरी को आईसीएमआर ने ओमिक्रोन वैरिएंट का टेस्ट करने के लिए स्वदेसी किट ओमीस्योर को मंजूरी दी थी। टाटा एमडी की ओर से बनाई गई इस किट से अब ओमिक्रोन संक्रमण की जांच की जाएगी। आईसीएमआर के डीजी ने बताया कि नई स्वदेशी किट 4 घंटे में ओमिक्रोन संक्रमण का टेस्ट करेगी। इसके साथ ही किट जीनोम सीक्वेंसिंग के प्रयासों को भी बढ़ाएगी। अभी तक लोगों में ओमिक्रोन संक्रमण का पता लगाने के लिए व्यक्ति का सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जा रही थी, लेकिन अब देश में स्वदेसी किट के माध्यम से व्यक्ति का ओमिक्रोन के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा।

36 घंटों में होती थी जीनोम सीक्वेंसिंग

आपको बता दें कि जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से संक्रमण का पता लगाने में 36 घंटे लग रहे थे जबकि पूरी तरह से जीनोम सीक्वेंसिंग में चार दिन का समय लगता है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग पर जोर दिया था। वहीं, देश में ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह किट संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी मददगार साबित होगी। संक्रमिल लोगों में ओमिक्रोन की पुष्टि होने पर उन्हें अलग रखा जा सकेगा और अन्य व्यक्तियों को संक्रमित होने से बचाया जा सकेगा। ओमिक्रोन में काफी ज्यादा बदलाव होने से कारण नार्मल आरटी-पीसीआर किट से संक्रमण की पुष्टि नहीं हो पा रही थी।


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