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जाधव पर अंतरराष्‍ट्रीय अदालत के आदेश से मुश्किल में पाकिस्‍तान: लीगल एक्‍सपर्ट्स

कुलभूषण जाधव की सजा पर रोक को कानूनी विशेषज्ञों ने एक 'गौरवान्वित पल' बताते हुए केंद्र सरकार और अंतरराष्‍ट्रीय अदालत दोनों की सराहना की है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Wed, 10 May 2017 01:23 PM (IST)Updated: Wed, 10 May 2017 03:58 PM (IST)
जाधव पर अंतरराष्‍ट्रीय अदालत के आदेश से मुश्किल में पाकिस्‍तान: लीगल एक्‍सपर्ट्स
जाधव पर अंतरराष्‍ट्रीय अदालत के आदेश से मुश्किल में पाकिस्‍तान: लीगल एक्‍सपर्ट्स

नई दिल्‍ली, एएनआइ। कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्‍ट्रीय अदालत से संपर्क किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले की कानून विशेषज्ञों ने सराहना की है, जिसने पाकिस्‍तान द्वारा दिए गए फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि जाधव की रिहाई सुनिश्चित करने की दिशा में भारत ने सबसे नरम रुख अपनाया है।

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कानूनी विशेषज्ञों ने इसे एक 'गौरवान्वित पल' बताते हुए केंद्र सरकार और अंतरराष्‍ट्रीय अदालत दोनों के लिए सराहना व संतुष्टि जाहिर की। एक वरिष्‍ठ वकील अमन सिन्‍हा ने कहा, 'भारत ने पाकिस्‍तान सैन्‍य कोर्ट द्वारा दिए गए फांसी की सजा पर रोक की मांग के साथ आठ मई को अंतराष्‍ट्रीय अदालत का रुख किया था। यह गर्व की बात है कि अंतरराष्‍ट्रीय अदालत ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए फांसी पर रोक लगा दी। यह भारत सरकार के लिए गौरवान्वित व विजयी पल है। मैं आगे वरिष्‍ठ वकील हरीश साल्‍वे के प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्‍होंने पूरी कानूनी प्रक्रिया को निपटाया।

वहीं एक अन्‍य कानून विशेषज्ञ सुजय कांतावला ने विस्‍तार से समझाया कि कैसे जाधव को दी गई सजा अवैध थी। उन्‍होंने बताया कि जाधव को राजनयिक पहुंच से इंकार कर दिया गया था, जो कि वियना समझौते के तहत मूल मानवाधिकार है। कांतावला ने कहा, 'यह पहली बार है, जब अंतरराष्‍ट्रीय अदालत ने दखल दी है। पाकिस्‍तान अब कुछ नहीं कर सकता और जवाब देने के लिए बाध्‍य है। पाकिस्‍तान सैन्‍य कोर्ट ने ट्रायल के नाम पर न्‍याय प्रणाली का माखौल उड़ाया है। उन्‍हें कोई राजनयिक पहुंच बनाने नहीं दिया गया और जनरल ने तुरंत आदेश पर हस्‍ताक्षर कर दिया। यह ट्रायल के माखौल उड़ाने का अलावा कुछ नहीं है।'

गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में पाकिस्‍तान ने जाधव को गिरफ्तार किया था और जासूसी का आरोप लगाया था। अब उन्‍हें पाकिस्‍तान सैन्‍य कोर्ट द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने से भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव बढ़ गया है, हालांकि ताजा मामले के तहत अंतरराष्‍ट्रीय अदालत ने इस सजा पर रोक लगा दी है।

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