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पत्नी को लिखा खत आतंकी भटकल के लिए बना फंदा

नई दिल्ली [नीलू रंजन]। पत्नी जाहिदा को पत्र लिखना आतंकी सरगना यासीन भटकल को भारी पड़ा। लगभग छह महीने लिखे पत्र के सहारे खुफिया एजेंसियां नेपाल स्थित भटकल के ठिकाने तक पहुंचने में कामयाब रहीं। वहीं, भटकल के पास से एजेंसियों को एक लैपटॉप और मोबाइल फोन भी मिला है, जिससे इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के नेटवर्क के बारे में अहम जानक

By Edited By: Published: Fri, 30 Aug 2013 09:08 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2013 09:08 AM (IST)
पत्नी को लिखा खत आतंकी भटकल के लिए बना फंदा

नई दिल्ली [नीलू रंजन]। पत्नी जाहिदा को पत्र लिखना आतंकी सरगना यासीन भटकल को भारी पड़ा। लगभग छह महीने लिखे पत्र के सहारे खुफिया एजेंसियां नेपाल स्थित भटकल के ठिकाने तक पहुंचने में कामयाब रहीं। इसके अलावा भटकल ने पिछले दिनों ईद पर जाहिदा को एक लाख रुपये की ईदी भी भेजी थी। इससे सुरक्षा एजेंसियों का शक पुख्ता हो गया कि वह नेपाल में कहीं छुपा हुआ है। वहीं, भटकल के पास से एजेंसियों को एक लैपटॉप और मोबाइल फोन भी मिला है, जिससे इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। एजेंसियां लैपटॉप और मोबाइल से डाटा निकालने में जुट गई हैं।

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खुफिया ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यासीन के बारे में सुराग हासिल करने के लिए दिल्ली में रह रही उसकी पत्नी जायदा पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी। वर्ष 2008 में शादी के कुछ महीने बाद ही यासीन भटकल के भाग जाने के बाद से जायदा अपने माता-पिता के साथ रह रही है। लगभग छह महीने पहले नेपाल के पोखरा से एक पत्र उसके पास आया। पत्र किसी और नाम से भेजा गया था, लेकिन नेपाल में उसके किसी संबंधी के नहीं होने के कारण एजेंसियों का संदेह गहराया। इसके बाद नेपाल के पोखरा में भटकल की तलाश शुरू हो गई। लगभग छह महीने की मेहनत और नेपाल प्रशासन की मदद के बाद एजेंसियां भटकल को खोजने सफल रहीं। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार शुरू में यासीन ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को बरगलाने की पूरी कोशिश की और फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस व वोटर कार्ड दिखाकर उनसे खुद को भटकल नहीं होने की दुहाई दी। हालांकि, पूरा होमवर्क कर चुके आइबी के अधिकारियों के सामने उसकी चाल सफल नहीं हो सकी। नेपाली अधिकारियों की संतुष्टि के लिए कर्नाटक पुलिस के एक अधिकारी को पोखरा बुलाया गया और उसकी पुष्टि के बाद भटकल को भारत लाया गया।

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हैरानी की बात है कि आतंकी नेटवर्क के सिलसिले में कई बार पाकिस्तान व खाड़ी देश जा चुके भटकल के पास से कोई पासपोर्ट नहीं मिला है। वैसे भटकल से बरामद लैपटॉप और मोबाइल फोन को लेकर सुरक्षा एजेंसियां ज्यादा उत्साहित हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे आइएम के नेटवर्क और फंडिंग के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है। लैपटॉप में अधिकांश चीजें कूट भाषा में लिखी गई हैं। पुलिस हिरासत के दौरान भटकल से पूछताछ कर इसे समझने की कोशिश करेगी। वहीं, भटकल के मोबाइल की कॉल डिटेल्स के सहारे देश-विदेश में फैले उसके संपर्को का पता लगाया जा रहा है।

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