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IAS कन्नन को जुलाई में मिल चुका था कारण बताओ नोटिस, काम के प्रति था ढ़ीला रवैया

केरल से AGMUT कैडर के 2012 बैच के अधिकारी को दादरा एवं नगर हवेली में बिजली एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग के सचिव के रूप में तैनात किया गया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 07:25 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 08:22 PM (IST)
IAS कन्नन को जुलाई में मिल चुका था कारण बताओ नोटिस, काम के प्रति था ढ़ीला रवैया
IAS कन्नन को जुलाई में मिल चुका था कारण बताओ नोटिस, काम के प्रति था ढ़ीला रवैया

नई दिल्ली, आइएएनएस। कश्मीर घाटी में प्रतिबंध का हवाला देकर अगस्त में नौकरी छोड़ने वाले भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (IAS) कन्नन गोपीनाथन को जुलाई में कर्तव्यों का पालन नहीं करने के विभिन्न मामलों में संलिप्त पाए जाने पर गृह मंत्रालय की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। केरल में 2018 में बाढ़ आने पर गोपीनाथन (33) के काम की प्रशंसा की गई थी। उन्होंने यह कहते हुए 21 अगस्त को अपने प्रतिष्ठित पद से इस्तीफा दे दिया था कि वे जम्मू एवं कश्मीर में पांच अगस्त से लागू प्रतिबंधों से परेशान हैं।

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लेकिन अब यह तथ्य सामने आया है कि IAS अधिकारी के इस्तीफा देने से पहले उन्हें आठ जुलाई को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। इसमें केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली ने उनके मामले में गृह मंत्रालय को उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रस्ताव भेजा था। केरल से AGMUT कैडर के 2012 बैच के अधिकारी को दादरा एवं नगर हवेली में बिजली एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग के सचिव के रूप में तैनात किया गया था।

गृह मंत्रालय ने जारी किया था नोटिस
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों ने गृह मंत्रालय को बताया था कि गोपीनाथन ने कई मामलों में अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया है। यह अखिल भारतीय सेवा (व्यवहार) कानून 1968 के नियम (3) का उल्लंघन है। इसके बाद केंद्र ने गोपीनाथन को नोटिस जारी कर दिया था।

केंद्र शासित प्रदेशों ने मंत्रालय को 11 जून को पत्र लिखकर बताया कि गोपीनाथन अवज्ञा, काम में ढीले-ढाले रवैये और ड्यूटी नहीं करने के मामलों में संलिप्त हैं। अधिकारी पर स्थाई प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित नीति में संशोधन करने के लिए एक फाइल दाखिल करने में नौ महीने की देरी करने समेत अन्य आरोप लगाए गए थे।

काम के प्रति था ढ़ीला रवैया
दादरा एवं नगर हवेली में नरोली से शहीद चौक से समरवानी तक सड़क मार्गो के सुंदरीकरण के लिए अधिकारी को बिजली के तारों को अंडरग्राउंड बिछाने और बिजली के खंभों को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर लगाने का काम मई 2018 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन खंभे दूसरे स्थान पर मार्च 2019 तक नहीं लगाए गए।

नोटिस में कहा गया कि गोपीनाथन ने निर्धारित रिपोर्टिग माध्यम को भी नजरअंदाज किया। नोटिस में कहा गया 26 जून 2018, 16 जुलाई 2018 और 15 अक्टूबर 2018 की तारीख के डीएनएच ऊर्जा वितरण कंपनी लिमिटेड के बोर्ड निदेशक की नियुक्ति के ऐसे तीन मामले भी इसमें शामिल हैं। गोपीनाथन ने एडवाइजर के माध्यम से प्रशासक को फाइल जमा करने के बजाय सीधे प्रशासक के पास फाइल जमा की थी।

गोपीनाथन ने कोई रिपोर्ट जमा नहीं कराई
नोटिस में लिखा है कि गोपीनाथन ने केरल में भारी बाढ़ के बीच संबंधित अधिकारियों से मुलाकात करने और बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र शासित प्रदेश की तरफ से मदद करने की योजना तैयार करने के लिए केरल का दौरा किया। लेकिन उन्होंने वहां से लौटने पर कोई रिपोर्ट जमा नहीं की। इसके अलावा, उनको सार्वजनिक प्रशासन में नवोन्मेष की विभिन्न श्रेणियों में प्रधानमंत्री के पुरस्कार के लिए नामांकन तैयार करने का निर्देश दिया गया। लेकिन उन्होंने यह भी नहीं किया। गोपीनाथन ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद कई हफ्तों से राज्य में लाखों लोगों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित रखा गया है।

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