Move to Jagran APP

भारतीय रक्षा क्षेत्र पर पड़ा रूस-यूक्रेन युद्ध का असर! वायु सेना को मिलने वाली आपूर्ति में हो सकती देरी

भारत को रूस से मिलने वाली रक्षा आपूर्ति को लेकर खबर सामने आई है। भारतीय वायु सेना ने कहा है कि यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण रूस महत्वपूर्ण रक्षा आपूर्ति देने में असमर्थ है जो उन्हें भारतीय सेना को आपूर्ति करना था। File Photo

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Thu, 23 Mar 2023 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 07:56 PM (IST)
भारतीय रक्षा क्षेत्र पर पड़ा रूस-यूक्रेन युद्ध का असर! वायु सेना को मिलने वाली आपूर्ति में हो सकती देरी
वायु सेना को मिलने वाली आपूर्ति में हो सकती देरी।

नई दिल्ली, रायटर्स। रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से अधिक समय से युद्ध जारी है। इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध का असर वैश्विक स्तर पर दिखा है। इसी बीच, भारत को रूस से मिलने वाली रक्षा आपूर्ति को लेकर भी खबर सामने आई है। भारतीय वायु सेना ने कहा है कि यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण रूस महत्वपूर्ण रक्षा आपूर्ति देने में असमर्थ है, जो उन्हें भारतीय सेना को आपूर्ति करना था।

loksabha election banner

बता दें कि वायु सेना का बयान इस तरह का पहला बयान सामने आया है। इसको लेकर भारत चिंतित है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण भारत के रक्षा उपकरणों की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है।

संसदीय समिति को वायु सेना ने सौंपा बयान

जानकारी के अनुसार, भारतीय वायु सेना का बयान संसदीय समिति को सौंपा गया, जिसने मंगलवार को इसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया। भारतीय वायु सेना ने संसदीय समिति को बताया कि रूस ने इस साल बड़ी खेप में डिलीवरी की योजना बनाई थी, जो नहीं होगी।

रूसी दूतावास ने नहीं की पुष्टि

इस संबंध में नई दिल्ली में रूसी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे पास ऐसी जानकारी नहीं है, जो बताई गई बातों की पुष्टि कर सके।" वहीं, रूसी सरकार की हथियार निर्माता शाखा रोसोबोरोनेक्सपोर्ट से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। रिपोर्ट में डिलीवरी से संबंधित अधिक जिक्र नहीं किया है।

कई उपकरणों की होनी है आपूर्ति

बता दें कि सबसे बड़ी डिलीवरी S-400 Triumf वायु रक्षा प्रणाली इकाइयां हैं, जिन्हें भारत ने 2018 में 5.4 बिलियन डॉलर में खरीदा था। इनमें से तीन प्रणालियां भारत को दी जा चुकी हैं और दो प्रतीक्षित हैं। वायु सेना अपने Su-30MKI और MiG-29 फाइटर जेट्स के लिए पुर्जों के लिए रूस पर निर्भर है।

बता दें कि रूस और उससे पहले का सोवियत संघ दशकों से भारत के हथियारों और रक्षा उपकरणों का मुख्य स्रोत रहा है।

रूस पर निर्भरता कम कर रहा भारत

हालांकि, पिछले दो दशकों में भारत ने रूस पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश की है और पश्चिम की ओर फ्रांस, अमेरिका और इजराइल का रुख किया है। साथ ही भारत वैश्विक कंपनियों के सहयोग से भारतीय कंपनियों को देश में ही अधिक उत्पादन करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

भारतीय वायु सेना ने संसदीय पैनल को बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने उसकी आपूर्ति को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए आधुनिकीकरण पर अपने अनुमानित पूंजीगत व्यय को पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग एक तिहाई कम कर दिया।

वायु सेना का बजट घटा

वायु सेना ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 853 बिलियन रुपए के पूंजीगत व्यय का अनुमान लगाया था और फरवरी में पेश किए गए राष्ट्रीय बजट में इसे घटाकर 588 बिलियन रुपये कर दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.